कोई चीज हो या सेवा, आपके पास कुछ बेचने को नहीं है, तो समझिए आपको हर पल पहाड़ चढ़ना है। तमाम लोगों को सोचना पड़ता है कि जिंदगी में आजीविका के लिए क्या किया जाए। ‘क्या किया जाए’ में...
Sat, 16 Oct 2021 10:05 PMमोटापा ऐसी नाकामी है, जो बहुत आसानी से नसीब होता है, लेकिन इससे पीछा छुड़ाने के लिए न जाने कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। अव्वल तो मोटे व्यक्ति को एहसास ही नहीं होता कि कुछ गड़बड़ है। वह मस्त रहता है और...
Sat, 09 Oct 2021 09:51 PMउन दिनों उस युवा को सब खुशनुमा लगता था। एक रौनक रहती थी आसपास और उसमें घुली खुमारी भी। कहीं भी जाओ, दिल घर ही रह जाता था। शरीर में बचैनी होती थी किकब ऑफिस में काम खत्म हो और जल्दी से जल्दी घर पहुंचा...
Sat, 02 Oct 2021 09:28 PMघर वहीं होता है, जहां से एक व्यक्ति शुरू करता है। यही तो वह कहते थे और उन्होंने अमेरिका के अपने अलसाए शहर से शुरू किया था, जो पूरी तरह व्यावसायिक हुआ जा रहा था। डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी ही सही...
Sat, 25 Sep 2021 09:38 PMउन दिनों गरीब दाने-दाने को मोहताज थे। वह लड़का भी गरीब था, तो अक्सर भूखे गुजारा कराता था। शिकायत करे, तो किससे, आसपास कई बच्चे थे, जो गरीबी में और गहरे फंसे थे। जिन्हें खाने को भी कम मिलता था और पहनने...
Sat, 18 Sep 2021 09:13 PMयह सच्ची कहानी एक मां और उनके चार बेटों से शुरू होती है। डरा-सहमा जान बचाकर अबू धाबी से अल ऐन भाग आया था वह परिवार। सबसे छोटा बेटा सबसे ज्यादा भयभीत था, इसलिए मां के सबसे ज्यादा करीब था। तब उसकी उम्र...
Sat, 11 Sep 2021 11:26 PMकुछ पुराने लोगों को स्कूल इसलिए भी याद रह गए, क्योंकि वहां उनकी जमकर पिटाई हुई थी। शिक्षक भुला दिए जाते हैं, लेकिन उनका डंडा, थप्पड़, मुक्का, मुरगा बना देना, एक पैर पर खड़ा करा देना याद रह जाता है।...
Sat, 04 Sep 2021 11:19 PMआज से एक सौ दस साल पहले मोटरकार ऐसी बेडौल हुआ करती थी कि देखकर डर लगता ही था और सुनकर तो और भी। ऊपर से लगभग खुली हुई, हर कोण से नोंकदार। यह तो आज का समय है कि कार की एक भी मशीन बाहर नजर नहीं आती, उस...
Sun, 29 Aug 2021 12:04 AMख्वाब के सच होने की उम्मीद ही जिंदगी को दिलचस्प बनाती है। ख्वाब सच न होते, तो उन्हें देखने की इंसानों में आदत ना मिलती। संयोग ही है कि हम अपने ख्वाबों से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। ख्वाबों से किसी...
Sat, 21 Aug 2021 11:17 PMउस साल इस गुलाम देश से बादल भी रूठ गए थे। अन्न के दर्शन दुर्लभ थे, लोगों के शरीर सूख गए थे, हड्डियां उभर आई थीं। हड्डियों के ऐसे ढांचे जगह-जगह मिट्टी में मिलते नजर आते थे। तब जालिम अंग्रेज यही मानते...
Sat, 14 Aug 2021 10:27 PMसावधान, आपका डिलडौल भी आपका दुश्मन बन सकता है। लोग ही ऐसे हैं कि आपको देखते ही आपकी औकात का अनुमान लगा लेते हैं, लेकिन अक्सर ऐसे अनुमान हकीकत के सामने ढेर हो जाते हैं। लोगों को यह पता है कि दिखने में...
Sat, 07 Aug 2021 11:01 PMवह जवान पहाड़ी वाले उस गांव में रहता था, जहां पहुंचना आसान नहीं था। मिट्टी के घरों वाले उस गांव को सड़क ने भी नहीं छुआ था। लोग पैदल चलते, दौड़ते हुए ही कहीं जाते-आते थे। उस जवान को भी आदत पड़ी हुई थी। एक...
Sat, 31 Jul 2021 11:15 PMजीवन रंगमंच से कम नहीं। वक्त बढ़ता रहता है और किरदार भी बदलते रहते हैं। वह भी अमेरिकी रंगमंच के बढ़िया अभिनेता थे। बढ़िया नृत्य करते थे, लेकिन जब दुनिया में दूसरे विश्व युद्ध का माहौल बना, तब देश के सब...
Sat, 24 Jul 2021 11:02 PMवह मुल्क ही ऐसा है, जहां अपनों का खून बहाने में भी कोई गुरेज नहीं करता। मुल्क में ज्यादातर लोग मौका मिलते ही लड़-भिड़ जाते हैं। कभी अपने ही देश की सेना से जंग मोल लेते हैं, तो कभी विदेशी सेना से बेवजह...
Sat, 17 Jul 2021 11:07 PMअभिनय क्या है? भाव का भ्रष्टाचार ही तो है। मन में कुछ है, पर चेहरे व शरीर मुद्रा से कुछ और दिखाना है। असली भाव पर नकली भाव, लेकिन सफलता तब है, जब यह नकली भी असली लगने लगे। वह ब्रिटिश अभिनेता भी पहली...
Sat, 10 Jul 2021 11:02 PMदुनिया गमगीन तमाशा है और ऐसा हर आदमी जोकर है, जो अकेला है। वह लड़का भी बिल्कुल अकेला था। होश संभालते जब मां-बाप हमेशा के लिए उंगलियां छोड़ गए, तो कौन दिखाए राह? एक बहन है, जो खूब काम लेती है और स्कूल...
Sat, 03 Jul 2021 11:16 PMउसके लिए घना कोहरा थी दुनिया और कभी-कभी धुप्प अंधेरा। वह अंधेरा भी अकेले न था, उसके साथ अटूट सन्नाटा भी था, जिसका दिमाग में बसेरा था। कुदरत का सहज कमाल है, जहां किसी आवाज का आना मुमकिन नहीं होता,...
Sat, 26 Jun 2021 10:18 PMसोचिए, कोई भी इंसानी समाज हो, समय के किसी न किसी मोड़ पर शरणार्थी तो जरूर रहा होगा। लेकिन आज कितने लोग हैं, जो शरणार्थियों के लिए द्रवित होते हैं? शरणार्थियों को कौन पूछता है? वैसे सदी भर पहले भी न...
Sat, 19 Jun 2021 11:39 PMकंपनी तनाव में थी और कंपनी वाले भी। उस कंपनी के पुराने कॉमिक चरित्र अपना जादू खोने लगे थे। कंपनी के कॉमिक बुक्स की बिक्री भी घटने लगी थी। सुपरपावर चरित्र ‘हल्क’ और ‘फेंटास्टिक...
Sat, 12 Jun 2021 11:24 PMदौर ऐसा था, जब इलाज ही मुसीबत लिए आता था। विज्ञान ने कुछ तरक्की की थी, लेकिन इतनी नहीं कि सभी मरीजों को अस्पताल से जीवित लौटा दे। पचास प्रतिशत से अधिक लोग अस्पताल से नहीं लौट पाते थे। अस्पताल में...
Sat, 05 Jun 2021 11:17 PM