पैसे खर्च होने के लिए मानो मचल रहे थे और वह पहुंच गया हलवाई की दुकान पर। तब दुकान पर कम ही मिष्ठान हुआ करते थे, पर उनमें और उनके स्वाद में ज्यादा ईमानदारी हुआ करती थी। पूरे चार आने की मिठाइयां लीं...
Sat, 16 Mar 2024 08:33 PMग्राहम बेल की 1922 में मौत हुई। जब उन्हें कब्र में उतारा गया, तब उनके सम्मान में दुनिया के करीब डेढ़ करोड़ फोन कुछ देर के लिए शांत कर दिए गए। आज दुनिया में चार अरब से भी ज्यादा फोन हैं, जो ग्राहम बेल ..
Sat, 09 Mar 2024 10:29 PMकुछ ही दूर पर झाड़ियों और एक चट्टान के पीछे शेरनी के तीन शावक नजर आए, बेहद मासूम बेबस दुधमुंहे। अभी तो उनकी आंखें भी ढंग से नहीं खुली थीं। मां के इंतजार में थे कि मां आएगी, सहलाएगी, दुलार बरसाएगी...
Sat, 02 Mar 2024 11:18 PMवह बच्चों को अच्छी जगहों पर ले जाने, कुछ नया दिखाने-सिखाने का दौर था। मौका मिलते ही बच्चों को साथ लिए किसी मॉल में दिखावे का चलन नहीं आया था। ज्यादातर पिता बच्चों को किसी ऐसी जगह ले जाते थे, जहां...
Sat, 24 Feb 2024 10:34 PMज्यादातर माता-पिता न बेटियों से कोई उम्मीद रखते थे और न यह चाहते थे कि बेटियां उनसे कोई उम्मीद रखें, तो कोशिश यही रहती थी कि पराए धन को जल्दी से जल्दी सही ठिकाने पर पहुंचा दिया जाए। वैसे भी बेटियों ..
Sat, 17 Feb 2024 09:22 PMउस रात भी मंदिर में पूजन-भजन के बाद लोग जागने के लिए बैठे, पर एक-एक कर सब नींद की आगोश में जाने लगे। कोई मंदिर में ही पूरा लेट गया, तो कोई अधलेटे खर्राटे खींचने लगा। नींद का प्राकृतिक झोंका ऐसे चला...
Sat, 10 Feb 2024 09:23 PMसंगत बुरी हो, तो तबाही में उतार देती है और अच्छी संगत से इंसान महानता की सीढ़ियां सरपट चढ़ने लगता है। खासकर बच्चों पर सिर्फ इंसानी संगत ही नहीं, बल्कि अन्य चीजों व मशीनों का सबसे ज्यादा असर होता है...
Sat, 03 Feb 2024 10:43 PMदेश के बिना आपके पास न तो नाम है, न निशान, न आवाज, न हक, पर ऐसे देश को आपने कितना प्यार दिया? ईश्वर ने आपको मानवता की सेवा के लिए एक देश दिया है। अपने देश में किसी भी तरह की गुलामी से मुकाबले के...
Sat, 27 Jan 2024 09:20 PMकभी राम आए थे। अवतार हुआ था, उन्होंने मर्यादापुरुषोत्तम स्वरूप को साकार किया और फिर एक दिन अयोध्या में सरयू में लीन हो गए। संसार में मानव जीवन का श्रेष्ठतम व्यावहारिक भाव - रामभाव संसार में सदा ...
Sat, 20 Jan 2024 10:43 PMलोगों को विश्वास ही नहीं होता था कि एक महिला सब-कलेक्टर कैसे? उन दिनों कलेक्टर को अक्सर लाठीचार्ज या गोली चलाने का फैसला लेना पड़ता था। पता नहीं, एक महिला ऐसे फैसले कैसे लेगी? ऐसे में, खुद को साबित...
Sat, 13 Jan 2024 09:36 PMजिस दिन स्कूल से पास होकर विद्यार्थी जाने लगे, उस दिन तो माहौल बहुत गमगीन हो गया। जीवन में सबसे मजबूत सहारा शिक्षा का साथ छूट रहा था। आगे कॉलेज में पढ़ने के दरवाजे बंद थे। गरीब छात्रों के लिए तो कोई ..
Sat, 06 Jan 2024 10:22 PMअमृतसर, लाहौर की वह फिजा ही अलहदा थी, जिसमें प्यार और संगीत का रस-रंग घुला हुआ था। कभी सूफी संत बुल्ले शाह के बोल गूंजते थे, मस्जिद ढा दे, मंदिर ढा दे, ढा दे जो कुछ दिसदा, पर किसी दा दिल न ढावीं...
Sat, 23 Dec 2023 10:38 PMअमृतसर, लाहौर की वह फिजा ही अलहदा थी, जिसमें प्यार और संगीत का रस-रंग घुला हुआ था। कभी सूफी संत बुल्ले शाह के बोल गूंजते थे, मस्जिद ढा दे, मंदिर ढा दे, ढा दे जो कुछ दिसदा, पर किसी दा दिल न ढावीं...
Sat, 23 Dec 2023 10:16 PMअब जुकाम से कोई नहीं डरता, पर एक जमाना था, जब जुकाम का भी अपना कहर हुआ करता था। वैसे तो जुकाम की भी आधा दर्जन वजहें होती हैं, पर सबसे बड़ी वजह है, शरीर में ठंड का बैठ जाना। अगर ठंड को ज्यादा बैठने...
Sat, 16 Dec 2023 10:52 PMदूसरे बच्चे भी जान बचाए सड़कों पर चीखते-रोते भाग रहे थे। वह यह सोचती हुई भाग रही थी कि हम बच्चों ने भला क्या बिगाड़ा है? काश, दुनिया में ऐसी नफरत न होती, तो बच्चों से सभी लोग प्यार करते। बच्चों से...
Sun, 10 Dec 2023 12:49 AMबीसवीं सदी का दूसरा वर्ष चल रहा था। परीक्षाएं बीत गई थीं और गर्मी की छुट्टियां भी शुरू हो गई थीं। तीन बच्चे सतारा में अपने घर से पूरी तैयारी के साथ निकले थे, दो भाई और एक भतीजा, उनमें एक ही बच्चा...
Sat, 02 Dec 2023 10:45 PMबहती होगी देश में कभी दूध की नदी, पर राजाओं-शासकों ने उसे अपनी काहिली से धीरे-धीरे सुखा दिया। जब देश आजाद हुआ, तब बड़ी संख्या में ऐसे लोग थे, जिन्हें चम्मच पर दूध भी नसीब नहीं था। दूध खरीदने...
Sat, 25 Nov 2023 11:01 PMलक्खा सिंह पर टकटकी लगाए खड़ी भीड़ में अचंभित एक बच्चा दीदार सिंह भी था। उसने पहली बार लक्खा की भीमकाय कद-काठी पर गौर किया। अद्भुत इंसानी शरीर है या कोई जादू! अंग-अंग से फड़कते और तेज से चमकते लक्खा...
Sat, 18 Nov 2023 09:48 PMकुछ ऐसे ऋण होते हैं, जिन्हें चुकाने के बारे में बहुत कम लोग सोचते हैं। हम पानी के भी ऋणी हैं और हवा, मिट्टी के भी। हमें गलतफहमी है कि हवा और पानी मुफ्त है, इसके लिए किसी को क्या चुकाना? सावधान...
Sat, 04 Nov 2023 09:35 PMलोगों को लगता है कि दिव्यांग को भला क्यों ढोया जाए? काम के न काज के दुश्मन अनाज के। वैसे भी, 1960 के दशक में दिव्यांगों की दुनिया में बहुत अंधेरा था। आश्चर्य नहीं कि अपने देश में जहां-तहां मैले...
Sat, 28 Oct 2023 10:27 PM