पाक में 14 अगस्त क्यों?
स्वतंत्रता दिवस पर तो बातें होती रहेंगी, पहले यह बताइए कि जब आप खरबूजा छुरी से काटते हैं, तो एक साथ ही उसके दो टुकडे़ हो जाते हैं या फिर एक टुकड़ा मंगलवार को कटता है और दूसरा बुधवार को? आप भले कहते...
स्वतंत्रता दिवस पर तो बातें होती रहेंगी, पहले यह बताइए कि जब आप खरबूजा छुरी से काटते हैं, तो एक साथ ही उसके दो टुकडे़ हो जाते हैं या फिर एक टुकड़ा मंगलवार को कटता है और दूसरा बुधवार को? आप भले कहते रहें कि ये क्या पागलपन का सवाल है, लेकिन मेरे लिए यह एक गंभीर समस्या है। चलिए एक उदाहरण देता हूं। हम सब जानते हैं कि गोरों ने इंडियन इंडिपेंडेंस ऐक्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान को 1947 में 14 और 15 अगस्त के बीच की रात आजाद किया और 12 का गजर होते ही दो देश वजूद में आ गए। फिर यह कैसे हुआ कि पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14 और भारत 15 अगस्त को मनाता है?
रेडियो पाकिस्तान हर साल जिन्ना साहब की आवाज में पहला बधाई संदेश सुनाता है, जिसमें वह कह रहे हैं कि 15 अगस्त की आजाद सुबह पूरे राष्ट्र को मुबारक हो। लेकिन जिन्ना साहब की यह बधाई हर साल 15 की बजाय 14 अगस्त को सुनवाई जाती है। पाकिस्तान बनने के बाद दो स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाए गए थे, लेकिन जिन्ना साहब की आंखें बंद होते ही जाने किसने चुपके से आजादी का घड़ियाल पूरे 24 घंटे पीछे कर दिया। तब से सब कुछ पीछे होता चला गया। आज तक 14 अगस्त ही पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है। न कोई नहीं पूछता न बताता है कि क्यों भाई?