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यौन हिंसा

संघर्षों और संकटों वाले इलाकों और देशों में औरतों के साथ यौन हिंसा और बलात्कार करना आतंकवाद व युद्ध का एक हथियार सा बन गया है, जिससे न सिर्फ जिंदगियां तबाह हो जाती हैं, बल्कि नस्लीय भेदभाव और उत्पीड़न...

यौन हिंसा
संयुक्त राष्ट्र रेडियो वेब पोर्टल में महबूब खानTue, 27 Jun 2017 10:21 PM
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संघर्षों और संकटों वाले इलाकों और देशों में औरतों के साथ यौन हिंसा और बलात्कार करना आतंकवाद व युद्ध का एक हथियार सा बन गया है, जिससे न सिर्फ जिंदगियां तबाह हो जाती हैं, बल्कि नस्लीय भेदभाव और उत्पीड़न को भी बढ़ावा मिलता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटॉनियो गुटेरेस ने यह बात 19 जून को हिंसा व संघर्ष के उन्मूलन के लिए मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके पर कही। गुटेरेस ने यह कहा कि दुनिया के अनेक इलाकों में युद्धरत पक्ष और लड़ाके महिलाओं के साथ यौन हिंसा और बलात्कार को एक सोची-समझी रणनीति के तहत युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि इंसान के मनोबल को तोड़ा जा सके और उसकी रूह, प्रतिष्ठा और सम्मान को ध्वस्त किया जा सके। इतना ही नहीं, कहीं-कहीं तो नस्ल या धर्म के आधार पर नफरत का अभियान चलाया जाता है, जिसमें अक्सर महिलाओं और लड़कियों को निशाना बनाया जाता है। महासचिव ने सरकारों से अपील की कि यौन हिंसा करने वालों को न्याय के कठघरे में लाने में कोई कसर न छोड़ी जाए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ जुड़े हजारों शांति सैनिक व अन्य कर्मचारी नाजुक हालात का सामना करने वाले सभी इंसानों को जरूरी मदद और सुरक्षा मुहैया कराते रहेंगे और हमेशा न्याय का साथ देते रहेंगे।

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