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पतंजलि का जन्मस्थल

जब पूरा देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने में जुटा रहा, तब योगसूत्र और महाभाष्य के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि का हाल पूछने वाला कोई न था। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के कोंडर गांव स्थित पतंजलि...

पतंजलि का जन्मस्थल
हिन्दुस्तानWed, 21 Jun 2017 11:57 PM
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जब पूरा देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने में जुटा रहा, तब योगसूत्र और महाभाष्य के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि का हाल पूछने वाला कोई न था। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के कोंडर गांव स्थित पतंजलि की जन्मभूमि उपेक्षा की शिकार है। योगऋषि की जन्मभूमि को संरक्षित कर उसे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाने के लिए करीब दो दशक से संघर्ष कर रहा श्री पतंजलि जन्मभूमि न्यास केंद्र राज्य सरकार और यूनेस्को को कई पत्र लिख चुका है, लेकिन योग के मामले में भारत को विश्वगुरु बनाने की नींव रखने वाले महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली का कोई पुरसाहाल नहीं है। न्यास के अध्यक्ष भगवदाचार्य का कहना है कि करीब 2,200 साल पहले जन्मे महर्षि पतंजलि ने स्वयं व्याकरण महाभाष्य में अपनी जन्मस्थली का जिक्र किया है। भगवदाचार्य का कहना है कि राजधानी लखनऊ से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित पतंजलि की जन्मभूमि के दर्शन को आने वाले आगंतुकों के लिए न कोई आश्रम या धर्मशाला है और न ही पेयजल, बिजली, आवागमन तथा स्वास्थ्य इत्यादि की सुविधाएं। राज्य में बदले निजाम के बाद शासन के निर्देशानुसार इस बार जनपद, तहसील और विकास खंड के स्तर पर तो योग दिवस का आयोजन किया गया, किंतु कोंडर ग्राम में इस बार भी कोई सरकारी आयोजन नहीं हुआ।
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