खादी के अच्छे दिन
सरकार देश में पहली बार खादी पर भी टैक्स लगा रही है। खबर है कि अब खादी का कपड़ा खरीदने पर पांच फीसदी जीएसटी और हजार से ऊपर मूल्य के रेडीमेड गारमेंट (खादी) खरीदने पर बिल पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।...
सरकार देश में पहली बार खादी पर भी टैक्स लगा रही है। खबर है कि अब खादी का कपड़ा खरीदने पर पांच फीसदी जीएसटी और हजार से ऊपर मूल्य के रेडीमेड गारमेंट (खादी) खरीदने पर बिल पर 12 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। खबर यह भी है कि इस फैसले को लेकर इससे जुड़े व्यवसायियों में रोष है और जल्द ही वे इस मुद्दे पर प्रदर्शन करेंगे। इस खबर से मैं न तो विचलित हुआ, न अचंभित।
यह खबर मेरे लिए एक गहरी सोच का विषय है। सोच का विषय इसलिए, क्योंकि अब तक मैंने त्योहारों और शादी-ब्याह के अलावा आम आदमी को अन्य मौकों पर खादी का इस्तेमाल करते बहुत कम देखा है। अब तक जिस चीज का लोग इस्तेमाल ही नहीं कर रहे थे, उस पर यदि सरकार जीएसटी लगा रही है, तो फिर कुछ तो बात होगी। हो सकता है कि खादी पर टैक्स लगाकर सरकार देश के आम लोगों को यह बताना चाह रही हो कि यदि वे अब तक खादी को मामूली वस्तु समझते थे, तो यह उनकी भूल थी।
खादी की अब तक की स्थिति को देखते और समझते हुए यही कहा जा सकता है कि सरकार का यह फैसला स्वागत के योग्य है। हो सकता है कि सरकार का यह फैसला खादी के अच्छे दिन ला दे और उसकी दुकानों पर भी वही भीड़ दिखे, जो अन्य दुकानों पर देखने को मिलती है।
आईचौक.इन में बिलाल एम जाफरी