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बहाना बनाते ट्रंप

बहाना बनाते ट्रंप पेरिस जलवायु समझौता पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम था, लेकिन अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे भागते नजर आए। यह जानते हुए भी कि चीन और अमेरिका काफी ज्यादा...

बहाना बनाते ट्रंप
हिन्दुस्तान टीमSun, 04 Jun 2017 10:48 PM
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बहाना बनाते ट्रंप
पेरिस जलवायु समझौता पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम था, लेकिन अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे भागते नजर आए। यह जानते हुए भी कि चीन और अमेरिका काफी ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, ट्रंप ने भारत पर निशाना साधा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के नाम पर भारत को अरबों डॉलर मिलने, कोयला संयंत्रों की बाढ़ आने का डर दिखाया है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी ट्रंप के पेरिस समझौते से अलग होने की आलोचना की है। अमेरिका में भी इसका विरोध हो रहा है। ट्रंप को समझना चाहिए कि भारत प्राचीन काल से ही पर्यावरण-हितैषी रहा है। हम पर तोहमत लगाना गलत है। अब देखना यह है कि इस समझौते से जुड़े बाकी देश ताजा घटनाक्रम को लेकर क्या रुख अपनाते हैं?
नवीनचंद्र तिवारी, रोहिणी, दिल्ली

पर्यावरण-हितैषी भारत
यूं तो ट्रंप जब से अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, विवादित ही हैं। मगर पेरिस समझौते से बाहर आने के कारण उनका हो रहा विरोध बताता है कि वह कितने गलत हैं। भारत को सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाला देश कहकर उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की है। ऐसा आरोप लगाने से पहले वह इस सच को शायद भूल बैठे कि भारत हरित ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है।
मनीष जैन

विफल योगी सरकार
कुछ दिनों से यह देखने को मिल रहा है कि उत्तर प्रदेश में आपराधिक मामले पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गए हैं। इसकी उम्मीद नहीं थी। प्रदेश वासियों ने सोचा था कि योगी सरकार में अपराध कम होंगे, लेकिन उल्टा हो रहा है। महिलाओं के साथ बदसुलूकी हो रही है, दलितों को मारा-पीटा जा रहा है, अल्पसंख्यक आशंका में जी रहे हैं, मगर राज्य सरकार शांत है।  फिर चाहे सहारनपुर की घटना हो, या बिजनौर में चलती ट्रेन में बलात्कार की वारदात या फिर इलाहाबाद में सरेआम दंपति को गोली मारने की घटना, आखिर कब तक उत्तर प्रदेश इन अपराधों से जूझता रहेगा?
दक्ष आर्यन, नोएडा

रोगों से मुक्ति कब
पिछले कई दिनों से भारत के गौ रक्षक, साधु-संत और कुछ जन-प्रतिनिधि गायों की रक्षा के लिए मुहिम छेड़े हुए हैं। गाय माता को राष्ट्रीय पशु घोषित करवाने का उन्होंने बीड़ा उठाया है। अब गेंद पर्याप्त बहुमत वाली सरकार के पाले में है कि वह क्या करेगी? मगर इससे पहले हमें यह भी सोचना चाहिए कि मानसून भारत में दस्तक दे चुका है। क्या कुछ समय के लिए गौरक्षा मुहिम को विराम देकर डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोगों को भारत से खत्म करने का अभियान नहीं चलाया जाना चाहिए? अगर सामूहिक प्रयास हो, तो हम जरूर कामयाब होंगे। भारत मच्छरजनित रोगों से मुक्त होगा।
एम सी पवार, नई दिल्ली

बढ़ता साइबर क्राइम
केंद्र में सरकार बनाने के बाद भाजपा का सर्वाधिक जोर डिजिटल इंडिया पर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। मगर इसकी राह में साइबर क्राइम रोड़ा बनकर उभरा है। अपराध का यह ऐसा आयाम है कि महत्वपूर्ण जानकारियां गुपचुप तरीके से चोरी कर ली जाती हैं। बहुत बारीक नजर ही इस अपराध को पकड़ सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 69 प्रतिशत लोगों में से दो-तिहाई से ज्यादा साइबर क्राइम का शिकार होते हैं। इसका अर्थ यह है कि यहां हर सेकंड 14 लोग इसकी गिरफ्त में आते हैं। साफ है कि सरकार को अपनी सुरक्षा तकनीक और विकसित करनी होगी, तभी यहां के नागरिकों को साइबर क्राइम से बचाया जा सकेगा। जब हमें पता है कि भारत के नव-निर्माण का सपना तभी सच होगा, जब देश पूरी तरह डिजिटल होगा, तो सरकार को इसके सभी पहलुओं पर ध्यान देना ही चाहिए। 
अपूर्व बाजपेयी, शाहजहांपुर

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