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दो हेडमास्टर पर गिरी गाज

राशि निकाल कर मकान नहीं बनाना पड़ा महंगा डीपीओ ने दिया निलंबित करने का आदेश राशि निकाल कर मकान नहीं बनाने वाले हेडमास्टरों पर शिक्षा विभाग ने धीरे-धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ताजा घटना प्रखंड...

दो हेडमास्टर पर गिरी गाज
हिन्दुस्तान टीम,सुपौलFri, 23 Jun 2017 06:49 PM
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राशि निकाल कर मकान नहीं बनाना पड़ा महंगा डीपीओ ने दिया निलंबित करने का आदेश राशि निकाल कर मकान नहीं बनाने वाले हेडमास्टरों पर शिक्षा विभाग ने धीरे-धीरे शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ताजा घटना प्रखंड क्षेत्र के दो स्कूल के हेडमास्टर को पैसे निकाल कर मकान नहीं बनाने और बार-बार निर्देश देने के बाद भी राशि वापस नहीं करने के कारण निलंबित कर दिया है। डीपीओ स्थापना ने उत्क्रमित मिडिल स्कूल फसियाकोठी के एचएम पवन कुमार और मिडिल स्कूल मोहर्रमपुर के एचएम मो. तनबीर आलम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि मिडिल स्कूल फसिया कोठी के एचएम पवन कुमार ने 2010-11 में आवंटित अतिरिक्त वर्ग कक्ष की सारी राशि निकाल कर स्कूल भवन का निर्माण नहीं किया। विभाग ने कई बार मकान पूरा करने और राशि वापस लौटाने का निर्देश दिया। लेकिन एचएम ने न तो मकान का निर्माण किया न ही पैसे वापस किये। निलंबित एचएम का निलंबन अवधि में मुख्यालय बीआरसी पिपरा निर्धारित किया गया है। मिडिल स्कूल मोहर्रमपुर के हेडमास्टर तनवीर आलम ने भी 2011-12 में अतिरिक्त वर्ग कक्ष के लिए आवंटित राशि 4 लाख 8 हजार रुपये की निकासी कर ली। लेकिन भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं करवाया। डीपीओ स्थापना ने नियोजन ईकाई को तुरंत निलंबित करने को कहा है। पिछले महीने ही प्रखंड क्षेत्र के तीन एचएम पर राशि निकासी के बावजूद भवन निर्माण नहीं करने के आरोप में केस दर्ज कराया गया था। प्रखंड क्षेत्र में चार दर्जन से अधिक हेडमास्टर ऐसे हैं जो सालों पहले राशि निकाल कर भवन, शौचालय और चहारदीवारी का निर्माण नहीं कराया है इन पर भी गाज गिरना तय है। 30 जून है भवन निर्माण कार्य पूरा करने का डेडलाइन: सालों से सरकारी स्कूलों के एचएम द्वारा भवन निर्माण कार्य के लिए आवंटित राशि निकाल कर भवन निर्माण कार्य नहीं करने और पैसे का निजी उपयोग करने के मामलों को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। सर्व शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक में यह बात स्पष्ट हुई कि अधिकांश सरकारी स्कूलों के हेडमास्टर भवन निर्माण सहित अन्य असैनिक कार्य के लिए आवंटित राशि की निकासी कर काम को पूरा नहीं कर रहे हैं और निर्देश दिये जाने के बाद भी राशि वापस नहीं कर रहे हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 30 जून तक सभी निर्माण कार्य पूरा करने की अंतिम डेड लाइन तय किया गया। आदेश दिया गया है कि उक्त तिथि तक निर्माण कार्य पूरा नहीं करने या पूरी राशि वापस नहीं लौटाने वाले हेडमास्टर को निलंबित करते हुए थाने में केस दर्ज कराया जाये। यह अलग बात है कि स्कूलों में गर्मी छुटी रहने से उक्त फरमान का कोई खास असर नहीं दिख रहा है।शिक्षा विभाग के ताजा आदेश पर सवालिया निशान भी लगने शुरू हो गए हैं। कई एचएम का आरोप है कि अधिकारियों की नाजायज मांग पूरा नहीं करने वाले एचएम को चुन-चुन कर ही निशाना बनाया जा रहा है। कई ऐसे एचएम हैं जो भवन निर्माण के लाखों रुपये सालों से गटके हुए हैं लेकिन विभाग उनकी तरफ झांकना भी मुनासिब नहीं समझ रहा है। ऐसे कई स्कूल है जहां मकान निर्माण कार्य का श्री गणेश नहीं हुआ है पर पूरी राशि निकासी हो गई है। लेकिन अधिकारियों की महेरबानी से वे मजे ले रहे हैं। कोट:::30 जून तक भवन निर्माण कार्य सहित अन्य असैनिक कार्य पूरा नहीं करने का निर्देश दिया गया है। यदि तय समय सीमा तक भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जाता है या पैसा नहीं वापस करने वाले एचएम के खिलाफ केस दर्ज किया जायेगा।अमरभूषण, डीपीओ स्थापना

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