राजद का हंगामा:राज्यपाल से मिले तेजस्वी यादव,रात भर धरने पर बैठे
बुधवार को बिहार की राजनीति में आए भूचाल के बाद तेजस्वी यादव ने भी कड़ा रूख अपनाया। राजद विधायकों ने तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में देर रात दो बजे के करीब राजभवन मार्च किया। साथ ही राजभवन के...
बुधवार को बिहार की राजनीति में आए भूचाल के बाद तेजस्वी यादव ने भी कड़ा रूख अपनाया। राजद विधायकों ने तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में देर रात दो बजे के करीब राजभवन मार्च किया। साथ ही राजभवन के गेट पर धरने पर बैठ गए। ढाई बजे के आसपास राज्यपाल ने पांच लोगों को बातचीत के लिए अंदर बुलाया।
राजद नेता तेजस्वी प्रसाद, अब्दुलबारी सिद्दिकी, जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा और कांग्रेस के एमएलसी दिलीप चौधरी राज्यपाल से मिलने गए। इससे पहले राजभवन मार्च के दौरान तेजस्वी ने कहा कि राजद को गुरुवार सुबह 11 बजे का समय देने के बाद नई सरकार के शपथ ग्रहण का समय सुबह 10 बजे ही निर्धारित कर दिया गया। आनन-फानन में की गई यह व्यवस्था लोकतंत्र की हत्या है।
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तेजस्वी ने रात लगभग 1 बजे के करीब ट्वीट कर कहा कि राज्यपाल को सबसे बड़ी पार्टी होने के आधार पर राजद को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था। तेजस्वी ने कहा कि जदयू के आधे विधायक हमारे संपर्क में हैं इसलिए नीतीश कुमार आधी रात में राज्यपाल के यहां गए।
जदयू की ओर से बार-बार तेजस्वी प्रसाद के इस्तीफे की अपेक्षा दोहराई जाती रही है। पहले के कई उदाहरणों से समझाया गया कि नैतिक आधार पर उप मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन राजद अड़ा रहा कि तेजस्वी प्रसाद इस्तीफा नहीं देंगे। साथ ही उनकी ओर से आरोप पर जवाब की भी पहल नहीं हुई। बुधवार की सुबह राजद विधायक दल की बैठक थी।
जदयू की बैठक पहले गुरुवार को निर्धारित थी, लेकिन मंगलवार को फैसला बदला और बुधवार की शाम 5 बजे से जदयू विधायक दल की बैठक बुलायी गयी। राजद की बैठक के ठीक पहले लालू प्रसाद के आवास से निकलकर जिस तरह पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर तीखे प्रहार किए, उससे साफ हो गया कि जदयू-राजद के रिश्तों में दरार बढ़ गई है।
राजद को अहसास हो गया था कि नीतीश कुमार आज कोई फैसला लेंगे। राजद खेमे में यह भी कयास था कि नीतीश कुमार खुद इस्तीफा देंगे। बुधवार की बैठक में राजद ने जो फैसला लिया, वह भी नीतीश कुमार की अपेक्षाओं के प्रतिकूल था। राजद ने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं मांगा। साथ ही यह भी कहा गया कि 27 अगस्त की रैली में जनता के समक्ष अपनी बात रखेंगे। तेजस्वी प्रसाद इस्तीफा नहीं देंगे। बिहार के हित में सोच-विचार कर फैसला लेंगे।
जदयू की बैठक शाम 5 बजे शुरू हुई। बैठक के बाद शाम 6.30 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजभवन गये। जैसा कि पहले से कयास लगाया जा रहा था, वही हुआ। नीतीश कुमार ने इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने साफ कहा कि गठबंधन धर्म का जितना संभव हुआ पालन किया। 20 महीने से अधिक समय तक अच्छे से सरकार चलाई। लेकिन जो परिस्थितियां पैदा हुई थी, उसमें इस गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना मेरे लिए संभव नहीं रह गया था। अंतरात्मा की आवाज पर मैंने इस्तीफे का फैसला लिया।
हमने किसी पर कार्रवाई नहीं की। जब देख लिया अब कोई रास्ता नहीं है तो मैंने खुद ही पदत्याग किया। आगे क्या होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आज का चैप्टर यहीं क्लोज हो गया। आगे क्या होगा, आगे कैसा होगा इसे आगे पर छोड़ दीजिए। आज जो हालात थे उसकी तार्किक परिणति हो गयी। बिहार के हित में सोच-विचार कर फैसला लेंगे। याद रहे कि लोकसभा चुनावों में पराजय के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को सत्ता सौंप दी थी। गैसल रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।