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बाढ़ की तबाही: मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में भी घुसा पानी,दहशत में गांव

बिहार में बाढ़ का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पानी लगातार गांवों में घुस रहा है और लोग दशहत में आते जा रहे हैँ। अब मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में भी पानी बढ़ रहा है। धान का कटोरा और गन्ना के...

बाढ़ की तबाही: मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में भी घुसा पानी,दहशत में गांव
पटना, हिन्दुस्तान टीमSun, 20 Aug 2017 06:56 AM
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बिहार में बाढ़ का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पानी लगातार गांवों में घुस रहा है और लोग दशहत में आते जा रहे हैँ। अब मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर में भी पानी बढ़ रहा है। धान का कटोरा और गन्ना के नैहर के नाम से मशहूर पश्चिमी चंपारण के किसानों में कोहराम मचा है। बाढ़ के कारण हजारों एकड़ में धान और गन्ने की फसल डूब गई है। 

उत्तर बिहार के कई जिलों में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। शनिवार को मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, दरभंगा व समस्तीपुर जिलों में बाढ़ का पानी बढ़ता गया। बाढ से पूरे बिहार में अब तक 153 की मौत हो चुकी है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और सेना ने हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। सालमारी, अररिया और कटिहार में बाढ़ का पानी बढ़ता ही जा रहा है।

उधर, गोपालगंज में सारण मुख्य तटबंध टूटने के बाद कई गांव अभी भी जलमग्न हैं। वहां राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर शहर पर बूढ़ी के उफान से पानी का दबाब लगातार बढ़ रहा है। बाढ़ के पानी से तबाह कोसी और सीमांचल में पिछले पांच दिनों से बारिश बंद होने और धेज धूप निकलने के कारण जहां बाढ़ का कहर थम गया है वहीं परेशानी बढ़ गयी है।

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हालांकि, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी और मधुबनी में जलस्तर घटने लगा है। बूढ़ी गंडक में पानी बढ़ने से दरभंगा समस्तीपुर रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन भी बाधित हो गया है। मोतिहारी में सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। समस्तीपुर जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दायरा अब भी बढ़ रहा है। कोसी और सीमांचल में जमे पानी के सड़ने से महामारी की आशंका उत्पन्न हो गई है। मवेशी बीमार होने लगे हैं।


जिले में बाढ़ से अबतक 3 लाख 44 हजार 651 जनसंख्या के प्रभावित हुई है। लेकिन शनिवार को बैकुंठपुर व सिधवलिया के दर्जनों नए गांवों को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया। उल्लेखनीय है कि बाढ़ से जिले के छह प्रखंड प्रभावित हुए हैं। जिनमें बैकुंठपुर, सिधवलिया, बरौली, मांझा, गोपालगंज सदर व कुचायकोट प्रखंड शामिल हैं।

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प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार बैकुंठपुर प्रखंड की फैजुल्लाहपुर, बंगरा, चिउटहां, बांसघाट मंसुरिया, उसरी, परसौनी, प्यारेपुर, बखरी, हमीदपुर पंचायत के दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इन गांवों में प्रभावित आबादी की संख्या 1 लाख 50 हजार 800 बताई गई है। वहीं सिधवलिया प्रखंड की चार पंचायतें अमरपुरा, सुपौली (आंशिक), डुमरिया(आंशिक), काशी टेंगराही (आंशिक) प्रभावित हुई हैं। जिनकी आबादी 28 हजार है। जबकि बरौली प्रखंड की सात पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। जिनमें रामपुर, सदौवा, हसनपुर, सलेमपुर पूर्वी, सलेमपुर पश्चिमी, पिपरा व खजुरिया शामिल हैं।

जिनकी प्रभावित आबादी 85 हजार बताई जा रही  है। सबसे कम तीन पंचायतें मांझा प्रखंड की प्रभावित हुई हैं। जिनमें निमुइया, गौसियां (आंशिक), भैसही(आंशिक) शामिल हैं। जिनकी प्रभावित आबादी मात्र 17 हजार है। सदर प्रखंड की सात पंचायतों में बाढ़ के पानी से भारी तबाही मची है। इन पंचायतों में कटघरवां, जगीरीटोला, जादोपुर दु:खहरण, विशुनपुर पश्चिमी, बरईपट्टी, रामपुर टेंगराही, ख्वाजेपुर शामिल हैं।

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जिनकी प्रभावित आबादी 30 हजार है। वहीं कुचायकोट प्रखंड की मात्र चार पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। जिनमें दुर्ग मटिहनिया, काला मटिहनिया, सिपाया (आंशिक), सलेहपुर(आंशिक) शामिल हैं। जिनकी प्रभावित आबादी 33 हजार 851 बताई जा रही है। इस प्रकार कुल 3 लाख 44 हजार 651 आबादी से बाढ़ की त्रास्दी से बेहाल है।

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