बिहार बाढ़: 35 लाख आबादी चपेट में, पीएम बोले- देंगे हर संभव मदद
बिहार में बीते 24 घंटे से उत्तर बिहार में हो रही तेज बारिश व नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। उत्तर बिहार के 40 प्रखंडों की लगभग 35 लाख की आबादी बाढ़ से घिरी हुई...
बिहार में बीते 24 घंटे से उत्तर बिहार में हो रही तेज बारिश व नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। उत्तर बिहार के 40 प्रखंडों की लगभग 35 लाख की आबादी बाढ़ से घिरी हुई है। राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना की मदद मांगी थी। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की और बाढ़ के हालात का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने बिहार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।
दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करने के लिए पटना पहुंचे चुके हैं। मुख्यमंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं। उनके साथ मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह भी मौजूद हैं। नीतीश पटना वापस 4 बजे तक लौट जाएंगे।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar conducts aerial survey of flood affected areas pic.twitter.com/RLxcLqAfp3
— ANI (@ANI) August 14, 2017
राज्य के सीमांचल के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर हो गई है। दोनों शहर में तीन से चार फीट पानी बह रहा है। राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना की मदद मांगी है। दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
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मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि दानापुर और रांची आर्मी बेस से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रभावित इलाकों में सेना को कूच करने का अनुरोध किया गया है। जानकारी के मुताबिक अपराह्न चार बजे कॉलम कमांडर कैप्टन अमृतपाल सिंह खेरा के नेतृत्व में दानापुर आर्मी के 80 जवान व अधिकारी किशनगंज रवाना हो गये।
बकौल मुख्य सचिव, बाढ़ प्रभावित किशनगंज, अररिया और पूर्णिया के इलाकों में पहले से ही मौजूद एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गई है। केन्द्र सरकार से एनडीआरएफ की 10 टुकड़ियां मांगी गयी हैं। भुवनेश्वर से चार टुकड़ी किशनगंज व पूर्णिया के लिए रवाना हो गई है। पूर्णिया के बायसी प्रखंड के कदमसाड़ी में फंसे करीब 200 लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकालकर कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य आरंभ हो गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि नेपाल और कोसी तथा सीमांचल के इलाकों में अत्यधिक वर्षा से आयी बाढ़ में फंसे लोगों को निकालना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है।
इधर, मुख्यमंत्री ने उच्चधिकारियों के साथ आपात बैठक की और प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिवों को तत्काल हवाई मार्ग से अपने-अपने जिले में पहुंच कर वहां कैंप करने का निर्देश दिया। साथ ही आपदा प्रबंधन और क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ में फंसे लोगों को वहां से निकालकर जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाएं। उन्होंने कहा कि आर्मी को अलर्ट किया गया है। जरूरत होने पर उनकी भी मदद ली जाएगी।
बाढ़ की भयावहता के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से फोन पर बात की। बाढ़ की स्थिति की जानकारी दी और सभी तरह की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। सीएम ने एनडीआरएफ की दस अतिरिक्त टुकड़ियां व वायुसेना के हेलीकॉप्टर मांगे। सीएम को हर संभव मदद देने का आश्वासन मिला। सीएम आज बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। इस दौरान वे बाढ़ की स्थिति और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लेंगे। विशेषकर किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में उत्पन्न स्थिति को देखेंगे।
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12 जिलों में स्थिति गंभीर
4.85 लाख क्यूसेक पानी वाल्मीकिनगर गंडक बराज से रविवार को छोड़े जाने से स्थिति और विकराल हो गई है। अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, प. चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति गंभीर है।
उत्तर बिहार और बंगाल में बाढ़ के कारण किशनगंज-सिलीगुड़ी-रेल मार्ग ठप हो गया है। इसके साथ ही पूर्वोत्तर के आठ राज्यों को शेष भारत से रेल संपर्क टूट गया है। कटिहार से सिलिगुड़ी के मध्य रेल ट्रैक पर कई जगह पानी आ जाने की वजह से 18 से ज्यादा रेलगाड़ियों को रविवार को रद्द करना पड़ा है। पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि पूर्वोत्तर से शेष भारत की रेल सेवा बाढ़ के कारण ठप हो गई है।