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अब इस ऐप से बिहार में पढ़ेंगे युवा आगे बढ़ेंगे युवा

कुशल युवा कार्यक्रम (केवाईपी) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं के लिए बनवाए गए केवाईपी लर्नर ऐप की लांचिंग विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर 15 जुलाई को होगी। लांचिंग के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे...

अब इस ऐप से बिहार में पढ़ेंगे युवा आगे बढ़ेंगे युवा
हिन्दुस्तान ब्यूरो,पटना Fri, 19 May 2017 06:16 AM
ऐप पर पढ़ें

कुशल युवा कार्यक्रम (केवाईपी) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं के लिए बनवाए गए केवाईपी लर्नर ऐप की लांचिंग विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर 15 जुलाई को होगी। लांचिंग के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवकों के स्मार्ट फोन पर ऐप डाउनलोड कर दिया जाएगा। ऐप का ट्रायल वर्जन प्रशिक्षण ले रहे कुछ युवकों के स्मार्ट फोन पर डाउनलोड किया गया है।

लांच होने के बाद प्रशिक्षण पाने वाले सभी युवकों के स्मार्ट फोन पर श्रम विभाग यह ऐप एक्टिव कर देगा। ऐप सिर्फ उन्हीं युवकों के स्मार्ट फोन पर काम करेगा, जिन्हें विभाग द्वारा यूजर नेम और पासवर्ड जारी किया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा गुगल प्ले स्टोर पर जाकर केवाईपी लर्नर ऐप को डाउनलोड कर सकेंगे। इन युवकों को प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से श्रम संसाधन विभाग द्वारा यूजर नेम और पासवर्ड जारी किया जाएगा। 

ऐप की खास बात यह है कि प्रशिक्षण के दौरान युवा इससे अध्ययन कर सकेंगे। प्रशिक्षण के बाद नौकरी तलाश करने के दौरान वे इस ऐप के माध्यम से कुशल युवा कार्यक्रम के पाठयक्रम की हर जानकारी देख व पढ़ सकेंगे।

आठ हजार युवा हो चुके हैं प्रशिक्षित 

राज्य में संचालित 750 कौशल प्रशिक्षण केंद्रों पर इस समय 42,190 युवा  कुशल युवा प्रोग्राम का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। शुरूआत के दो बैच के करीब आठ बजार युवक यह प्रशिक्षण ले चुके हैं। प्रशिक्षण के लिए बिहार सरकार ने सभी प्रखंड मुख्यालयों पर  कौशल प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण कराया है। 936 निजी संस्थानों को भी इस योजना के लिए चुना गया है। प्रशिक्षण के लिए एक बैच 20 युवाओं का है। युवकों को कंप्यूटर (आईटी) 120 घंटे, भाषा 80 घंटे और संवाद कौशल का प्रशिक्षण 40 घंटे दिया जा रहा है। पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम 240 घंटे यानी तीन माह का है। 

ऐप के ट्रायल वर्जन से प्रशिक्षण लेने वालों को जोड़ा गया है।  ऐप में जो कमिया दिखाई देंगी उसे सुधारा जाएगा। पंद्रह जुलाई को ऐप लांच किया जाएगा। प्रशिक्षण केंद्रों पर कक्षाएं पूरी होने के बाद भी इस ऐप से युवा अध्ययन कर सकते हैं। 
- दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव, श्रम संसाधन विभाग

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