गंगा किनारे के 4 और शहरों में होगा नदी घाट का विकास
नमामि गंगे परियोजना के तहत केन्द्र सरकार ने गंगा किनारे के चार और शहरों में नदी घाटों के विकास की योजना को स्वीकृति दी है। इनमें पूर्व बिहार के तीन शहर- सुल्तानगंज, कहलगांव और भागलपुर हैं, जबकि एक...
नमामि गंगे परियोजना के तहत केन्द्र सरकार ने गंगा किनारे के चार और शहरों में नदी घाटों के विकास की योजना को स्वीकृति दी है। इनमें पूर्व बिहार के तीन शहर- सुल्तानगंज, कहलगांव और भागलपुर हैं, जबकि एक अन्य बरौनी है। इन शहरों में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट कार्य के लिए शत- प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार ही देगी। निर्माण का जिम्मा केन्द्रीय एजेंसी एनबीसीसी को दिया गया है। महत्व के लिहाज से देखें तो सुल्तानगंज कांवरिया पथ का बिहार के सबसे महत्वपूर्ण और शुरुआती पड़ाव हैं। कांवरिया यहीं से गंगा से जल लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैजनाथ के लिए रवाना होते हैं। वहीं, भागलपुर न सिर्फ प्रमंडलीय मुख्यालय है, बल्कि पूर्व बिहार का प्रमुख व्यावसायिक केन्द्र है, जबकि कहलगांव से आगे साहेबगंज से गंगा झारखंड में प्रवेश करती है। इन चार शहरों में गंगा किनारे के घाटों को विकसित किया जाएगा। साथ ही इन शहरों के नदी घाटों को आपस में संपर्क पथ से जोड़ा जाएगा। वहां सामुदायिक केन्द्र और शवदाहगृहों का भी निर्माण होगा। इन चारों शहरों में इन कार्यों के लिए केन्द्र सरकार ने 282.51 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इससे पहले सोनपुर, हाजीपुर और बक्सर में भी एनबीसीसी द्वारा घाट डेवलपमेंट का काम शत-प्रतिशत केन्द्र की राशि से चल रहा है। घाटों के सौंदर्यीकरण का कार्य नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की परियोजना ‘नमामि गंगे के तहत किया जा रहा है।