कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरा और घंटी लगाना होगा अनिवार्य
इस बार छात्रों की गलती उनके अभिभावकों पर भी भारी पड़ सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नया रिमाइंडर जारी करते हुए अभिभावकों को कहा है कि अब अगर उनके बच्चे रैगिंग करते हुए पकड़े गए तो इसकी...
इस बार छात्रों की गलती उनके अभिभावकों पर भी भारी पड़ सकती है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नया रिमाइंडर जारी करते हुए अभिभावकों को कहा है कि अब अगर उनके बच्चे रैगिंग करते हुए पकड़े गए तो इसकी जिम्मेदारी उनकी होगी। यूजीसी के निर्देशानुसार अब कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में रैगिंग रोकने के लिए नए तरीके अपनाए जाएंगे। अब सभी इंस्टीट्यूट में सीसीटीवी कैमरा और घंटी लगाना अनिवार्य होगा। बता दें कि यूजीसी ने पहले भी संस्थानों में रैगिंग रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। संस्थानों में औचक निरीक्षण की दी गई सलाह सभी संस्थानों को रैगिंग मुक्त बनाने के लिए आयोग ने एंटी रैगिंग वर्कशॉप आयोजित करने की भी बात कही है। संस्थानों के प्रॉसपेक्टस और बुकलेट में भी रैगिंग से जुड़ी जानकारी देना अनिवार्य बताया गया है। हॉस्टल, कैंटीन, रूम, शौचालय, बस स्टैंड जैसी जगहों पर औचक निरीक्षण करने की भी सलाह दी गई है। छात्र फौरन दें घटना की सूचना रैगिंग की रोकथाम के लिए पहले ही टोल फ्री नंबर और एंटी रैगिंग सेल बनावाए जा चुके हैं। आयोग की ओर से संस्थानों के अलावा छात्रों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने साथ होने वाली घटना की जानकारी बिना देरी किए कॉलेज प्रशासन के साथ यूजीसी को दें। अगर किसी छात्र के साथ कॉलेज में रैगिंग ली जा रही है तो वे इसकी सूचना यूजीसी को ओर से जारी टोल- फ्री नम्बर 1800-180-5522 पर दें।