मछुआरों की अनुदान राशि बढ़ाएगी सरकार : मंत्री
राज्य में मछुआरों के लिए अनुदान की राशि बढ़ायी जाएगी। सरकार इस मामले में विचार कर रही है। 11 जिलों में मछलियों के थोक व खुदरा बाजार बनाए जाएंगे। तालाबों में पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए सोलर पम्प...
राज्य में मछुआरों के लिए अनुदान की राशि बढ़ायी जाएगी। सरकार इस मामले में विचार कर रही है। 11 जिलों में मछलियों के थोक व खुदरा बाजार बनाए जाएंगे। तालाबों में पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए सोलर पम्प लगाए जाएंगे। पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने ये बातें सोमवार को अधिवेशन भवन में विशेष मछुआरा दिवस पर आयोजित सेमिनार में कही। कहा कि सरकार मछलियों के उत्पादन व विपणन को बढ़ाने के लिए सचेष्ट है। राजधानी में भी मछली का थोक हाट बनाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि राज्य में अभी 120 हैचरियों में जीरे (मछली बीज) का उत्पादन हो रहा है। मछुआरों को राज्य से बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है। अब तक नौ हजार मछुआरों को बेहतर मछली पालन की तकनीक से प्रशिक्षित किया गया है। उनके बीमे की राशि भी बढ़ाकर तीन लाख कर दी गई है। दो दर्जन मत्स्य पदाधिकारियों को आईआईटी, खड़गपुर में ट्रेनिंग दिलायी गई है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि परंपरागत मछुआरों को ही सरकारी अनुदान मिलना चाहिए। मछली पालन सहयोग समितियों से गैर मछुआरा और माफिया तत्वों को निकालना चाहिए। प्रतिशोध की भावना से किसी भी तालाब में जहर डालने पर रोक लगाना होगा। सरकार को जलकुंभी वाले तालाबों की सफाई करनी चाहिए, ताकि वहां मछली पालन हो सके। कहा कि फरक्का बांध बनने से मछलियों की कई प्रजातियां लुप्त हो गई हैं। विधायक विद्यासागर निषाद ने कहा कि स्थानीय प्रशासन तालाबों का अतिक्रमण हटाने में सहयोग नहीं करता है। लगभग तीस प्रतिशत तालाब सूख चुके हैं पर उनसे भी सरकार जबरन राजस्व वसूल रही है। बाढ़ के दौरान तालाब से मछलियों के बह जाने के बाद भी कोई मुआवजा या अनुदान नहीं मिलता है। मौके पर पशु विज्ञान विवि के कुलपति रामेश्वर सिंह, सचिव एन. विजयलक्ष्मी, डीके मिश्र, निदेशक निशात अहमद आदि ने भी विचार व्यक्त किया।