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VIDEO: उत्तर बिहार में बाढ़ का रौद्र रूप, महानंदा खतरे के निशान से ऊपर

उत्तर बिहार के जिलों में तेज बरसात और नेपाल के पानी से आई बाढ़ से त्राहिमाम की स्थिति बन गई है। बेतिया, मधुबनी, मोतिहारी और सीतामढ़ी के कई गांवों से लोग पलायन कर रहे हैं। नरकटियागंज के पंडई नदी...

Pratibhaपटना, लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 13 Aug 2017 05:15 PM

तबाही: उत्तर बिहार में बाढ़ का रौद्र रूप, पूर्णिया में महानंदा खतरे के पार

तबाही: उत्तर बिहार में बाढ़ का रौद्र रूप, पूर्णिया में महानंदा खतरे के पार1 / 3

उत्तर बिहार के जिलों में तेज बरसात और नेपाल के पानी से आई बाढ़ से त्राहिमाम की स्थिति बन गई है। पूर्णिया में नदी महानंदा खतरे के पार पहुंच चुकी है। यहां महानंदा नदी खतरे के पार पहुंच चुकी है। महानंदा 37.6 मीटर की ऊंचाई पर बह रही है। जबकि खतरे का निशान 35.65 मीटर माना गया है।

बेतिया, मधुबनी, मोतिहारी और सीतामढ़ी के कई गांवों से लोग पलायन कर रहे हैं। नरकटियागंज के पंडई नदी में बाढ़ के कारण भितिहरवा के कई घर डूब गए हैं। यहां के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में 7 फुट पानी घुस गया है। ट्रैक पर पानी होने से रेल परिचालन भी बाधित है। बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का मार्ग बदल दिया गया है।

पानी के कारण शिवहर और सीतामढ़ी के कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा प्रखंड में भी बागमती ने रौद्र रूप धारण कर लिया है।मोतिहारी के सिकरहना अनुमंडल के ढाका में लालबकेया नदी का गुआबारी तटबंध शनिवार की देर शाम ध्वस्त हो गया। बांध ध्वस्त होने से दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं। लोग गांव से पलायन कर ऊंचे जगहों की ओर कूच करने लगे हैं। बाढ़ से क्षेत्र की स्थिति भयावह होती जा रही है।

कुण्डवाचैनपुर व गुरहनवा रेलवे स्टेशन के बीच रेल ट्रैक पर पानी बहने से रेल प्रशासन ने एहतियातन सीतामढ़ी-रक्सौल रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है। इस कारण कुण्डवाचैनपुर स्टेशन पर रक्सौल-सिकन्दराबाद ट्रेन सुबह 9 बजे से खड़ी है। वहीं रक्सौल में तिलावे नदी का बांध शनिवार सुबह ध्वस्त होने से दर्जनों गांव बाढ़ से घिर गए हैं।

कोसी-सीमांचल में उफनाई नदियां

कोसी-सीमांचल में उफनाई नदियां2 / 3

कोसी और सीमांचल क्षेत्र की सारी नदियां तबाही मचाने लगी हैं। कई गांव जहां जलमग्न हो गये हैं वहीं तमाम सड़कें और डायवर्सन भी टूट गये जिससे आवागमन प्रभावित हो गया है। शनिवार को सीतामढ़ी में सीमाई इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैलने के कारण उसमें डूबने से महिला समेत दो लोगों की मौत हो गयी। मधुबनी में दीवार गिरने से दो महिलाओं की मौत हो गयी। इधर, गंडक व कोसी बराज से भी पानी का डिस्चार्ज लगातार बढ़ रहा है। इससे उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में बाढ़ की स्थिति है।

पश्चिम चंपारण में नेपाल व गंडक के जलग्रहण क्षेत्रो में भारी बारिश के बाद गंडक समेत पहाड़ी नदियों में उफान आ गया है। शनिवार को गंडक बराज से 2.13 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है। पिपरा-पिपरासी तटबंध पर भितहा के समीप 32.38 पर गंडक का कटाव शुरू हो गया है। नरकटियागंज-भिखनाठोरी रोड में नुनियवा टोला के समीप सड़क पर 4 फुट पानी बहने के कारण यातायात ठप है। इससे मोतिहारी-शिवहर पथ पर तीन फुट पानी बह रहा है। इस पथ पर शनिवार से आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। सीतामढ़ी में बागमती सहित सभी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। सुरसंड के एनएच 104 के डायवर्सन पर पानी चढ़ जाने से वाहनों की आवाजाही बंद है।

बागमती के रामपुर कंठ स्थित तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है। दरभंगा में कमला-बलान नदी में उछाल से घनश्यामपुर प्रखंड के कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। अररिया शहर में कोसी उफनाने से दर्जनों घरों में पानी घुस गया है। कुर्साकांटा-कुआड़ी पीडब्लूडी सड़क पर बकरा नदी का डेढ़ से दो फीट व सुंदरनाथ धाम से पूरब काउजवे पर तीन से चार फीट पानी बह रहा है। किशनगंज मे प्रमुख नदियां महानंदा, कनकई, बूढ़ी कनकई, रेतुवा, कौल के जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर बहने की वजह से गांवों में नदी का पानी प्रवेश कर गया है।

फारबिसगंज-जोगबनी रेलखंड पर ट्रेनें ठप

फारबिसगंज-जोगबनी रेलखंड पर ट्रेनें ठप3 / 3

नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश से उत्तर बिहार, कोसी व सीमांचल में बाढ़ का संकट गहरा गया है। नये इलाकों में तेजी से पानी फैल रहा है। फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर ट्रैक संख्या एक व दो के बीच ड्रेनेज की दीवार टूटने से रेल परिचालन प्रभावित हो गया है।

स्टेशन बुकिंग काउंटर, एसएस चैंबर और रेलवे गोदाम में पानी घुसने से कामकाज प्रभावित हो गया है। जोगबनी ट्रैक पर पानी भरने और फारबिसगंज ट्रैक पर दीवार टूटने से फारबिसगंज-जोगबनी रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन ठप कर दिया गया है। सीतामढ़ी के सुरसंड में एनएच 104 के डायवर्सन पर पानी चढ़ गया है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शनिवार को 2.13 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।