पटना का एक अस्पताल ऐसा भी, 10 मरीजों के लिए हैं पांच डॉक्टर
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जहां डॉक्टर, पारामेडिकल स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों की कमी है, वहीं राजधानी में एक ऐसा अस्पताल है जहां दस मरीजों के लिए पांच डॉक्टरों की तैनाती है। यह है वीरचंद पटेल...
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में जहां डॉक्टर, पारामेडिकल स्टाफ एवं अन्य कर्मचारियों की कमी है, वहीं राजधानी में एक ऐसा अस्पताल है जहां दस मरीजों के लिए पांच डॉक्टरों की तैनाती है। यह है वीरचंद पटेल स्थित विधायक अस्पताल। ओपीडी में बैठने वाले डॉक्टरों के टेबल पर 30 प्रकार की दवाओं की सूची है, लेकिन स्टोर में मात्र 17 दवाएं ही हैं।
हालात है कि यहां तैनात डॉक्टर एवं अन्य कर्मचारियों का पूरा दिन समाचार पत्र, राजनीतिक गलियारे की हलचल आदि की चर्चा करने में गुजर जाता है।
अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत पद चार है, लेकिन वर्तमान समय में यहां पांच डॉक्टरों की तैनाती की गई है। इसमें दो डॉक्टर वीआईपी ड्यूटी के नाम पर रखे गए हैं। 15 कर्मचारी भी तैनात हैं। ओपीडी में प्रतिदिन औसतन दस मरीज पहुंचते हैं। डॉक्टर के टेबल पर चार मई 2017 की दवा की लिस्ट लगी हुई है।
ज्यादा मरीज डायरिया-बुखार के : मेडिकल अफसर डॉ. शशिभूषण प्रसाद का कहना है कि प्रतिदिन औसतन दस मरीज उपचार के लिए आते हैं। जब विधानसभा का सत्र चलता है तब मरीजों की संख्या 30 से 40 तक बढ़ जाती है। ज्यादातर मरीज डायरिया, बुखार, सर्दी और खांसी से पीड़ित ही आते हैं। यहां पर कुता काटने पर दिए जाने वाले इंजेक्शन एआरवी, एल्बेंडाजोल, विटामिन डी, दर्द की दवाएं, सर्दी, खांसी की दवाएं हैं। फार्मासिस्ट सुधीर बोस ने कहा कि यहां बहुत कम मरीज आते हैं। जो दवाएं स्टोर में हैं उसी को डॉक्टर लिखते हैं। मरीजों में ज्यादातर पूर्व विधायक एवं वर्तमान विधायकों के परिचित आते हैं। एक डॉक्टर रोज सुबह नौ से दो बजे तक ओपीडी में रहता है। दो वीआईवी के उपचार के लिए हैं।