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अररिया में अचानक आई थी छह फीट पानी, हुई थी काफी मौत : प्रधान सचिव

बाढ़ग्रस्त जिलों में अचानक भयावह बाढ़ आने के कारण काफी मौतें हुई हैं। खासकर अररिया में पांच घंटे के भीतर ही छह फीट पानी आ गया था। इस कारण बाढ़ग्रस्त 18 जिलों में सबसे अधिक मौतें इसी जिले में हुई...

अररिया में अचानक आई थी छह फीट पानी, हुई थी काफी मौत : प्रधान सचिव
हिन्दुस्तान टीम,पटनाWed, 23 Aug 2017 07:30 PM
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बाढ़ग्रस्त जिलों में अचानक भयावह बाढ़ आने के कारण काफी मौतें हुई हैं। खासकर अररिया में पांच घंटे के भीतर ही छह फीट पानी आ गया था। इस कारण बाढ़ग्रस्त 18 जिलों में सबसे अधिक मौतें इसी जिले में हुई हैं। बाढ़ की मौजूदा स्थिति पर बुधवार को आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि मौत के आंकड़े में वृद्धि का यह अर्थ नहीं कि जलस्तर में वृद्धि हो रही है। सबसे अधिक मौत अररिया में हुई है और इसका मूल कारण पांच घंटे में ही छह फीट पानी आना है। अचानक पानी आने से लोग अपनी जान नहीं बचा सके। लापता हो गए। जो पानी में बह गए, उनका शव अब बरामद हो रहा है। इसलिए बाढ़ से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पूर्णिया, अररिया, किशनगंज जैसे जिलों में अब बाढ़ का पानी बिल्कुल कम हो चुका है। कटिहार में पानी है। गोपालगंज, खगड़िया जैसे जिलों में हर साल बाढ़ आती है। पीएम दौरे को लेकर आज होगी समीक्षा बैठक 26 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे के मद्देनजर गुरुवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक होगी। ऊर्जा, पथ, ग्रामीण कार्य, पशुपालन, स्वास्थ्य, पीएचईडी, नगर विकास, आपदा सहित अन्य विभागों के साथ होने वाली इस बैठक में बाढ़ से हुए प्रारम्भिक नुकसान पर रिपोर्ट बनेगी। इसी के आधार पर प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जा सकता है। मुख्यमंत्री आज सुगौली का जायजा लेंगे प्रधान सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को पूर्वी चम्पारण के सुगौली का जायजा लेंगे। बाढ़ग्रस्त इस इलाके में सामुदायिक किचेन, राहत शिविर, लोगों को दिए जा रहे फूड पैकेट सहित तमाम राहत व्यवस्था का निरीक्षण करेंगे। बॉक्स ऊंचे स्थानों पर अब बनेगा पंचायत सरकार भवन अचानक बाढ़ का पानी आने पर मची तबाही को देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि पंचायतों में बन रहे पंचायत सरकार भवन को इतना ऊंचा बनाया जाए कि अगर भविष्य में पांच-सात फीट पानी आ जाए तो वह शरणस्थली बन सके। प्रधान सचिव ने कहा कि बाढ़ग्रस्त इलाके के हरेक परिवार को छह हजार रुपए दिए जाएंगे। 30 लाख से अधिक परिवार को छह-छह हजार दिए जाएंगे। प्रभावितों के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से तीन-चार दिनों में राशि जाएगी। आने वाले दिनों में फसल, घर, पशु या अन्य क्षति मद का आकलन के बाद सहायता राशि दी जाएगी।

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