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VIDEO: बिहार में बाढ़ से अब तक 153 लोगों की मौत, लाखों लोग प्रभावित

बिहार में आई बाढ़ से अब तक 153 की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा अररिया में लोगों की मौत की खबर है। प्रशासन ने जिले में बाढ़ से 30 लोगों के मरने की पुष्टि की है जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई बताई जा...

VIDEO: बिहार में बाढ़ से अब तक 153 लोगों की मौत, लाखों लोग प्रभावित
लाइव हिन्दुस्तान टीम,पटनाSat, 19 Aug 2017 08:46 PM
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बिहार में आई बाढ़ से अब तक 153 की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा अररिया में लोगों की मौत की खबर है। प्रशासन ने जिले में बाढ़ से 30 लोगों के मरने की पुष्टि की है जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई बताई जा रही है। उधर गोपालगंज में गंडक नदी पर बना तटबंध शुक्रवार को फिर टूट गया। जिसके कारण इस जिले के अलावा सारण जिले के भी कई गांवों में पानी घुस गया। पानी में डूबने से चार लोगों की मौत भी हो गई।

इसे मिलाकर सूबे में पिछले 24 घंटे में बाढ़ के कारण 26 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ से बिहार के 13 ज़िलों की क़रीब 70 लाख की आबादी प्रभावित है.अररिया, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, किशनगंज, सीतामढ़ी, मधेपुरा सबसे ज़्यादा प्रभावित जिले हैं.  

दरभंगा के घनश्यामपुर में तटबंध टूटने से समस्तीपुर के सघिया प्रखंड  में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। पूर्वी चंपारण में मधुबनी घाट के पास  शुक्रवार को सड़क ध्वस्त हो गई जिससे मोतिहारी-पकड़ीदयाल का सड़क संपर्क टूट गया। मधुबनी-सीतामढ़ी, शिवहर-सीतामढ़ी व शिवहर-मोतहारी का सड़क संपर्क अब भी बाधित है।  

गोपालगंज के बैकुंठपुर के मूंजा गांव  गंडक नदी का सारण मुख्य तटबंध 50 फुट में टूट गया। इससे पानी जगदीशपुर, मूंजा, बखरी, हेमू छपरा सहित कई गांवों में फैल गया। गुरुवार को भी बंगरा गांव के पास तटबंध टूट गया था जिससे कई गांव जलमग्न हो गए थे। कोसी, सीमांचल, चंपारण और सीतामढ़ी में पानी थमने के बावजूद बाढ़ से घिरे हजारों गांवों में तबाही का मंजर दिखने लगा है। सड़कें जहां-तहां टूटी हुई हैं इसलिए अभी आवागमन मुश्किल है।

पूर्णिया से बनमनखी तक रेल सेवा शुरू हो गई है लेकिन कटिहार रेलखंड अभी भी बाधित है। कहीं-कहीं राहत शिविरों से लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं तो कहीं-कहीं शिविर में जमे हुए हैं और घरों से पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं। सुपौल में बाढ़ से क्षतिग्रस्त एनएच 327 ई जदिया के पास सड़क को ठीक कर दिया गया है। मधेपुरा जिले के सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित आलमनगर, चौसा के साथ ही सदर प्रखंड, मुरलीगंज, ग्वालपाड़ा, कुमारखंड आदि प्रखंडों के में राहत कार्य तेज कर दिया गया है।

पूर्णिया में सबसे ज्यादा प्रभावित बायसी, बैसा, अमौर और डगरुआ प्रखंडों के सैकड़ों गांवों में पानी घटने लगा है। राहत शिविरों में पका भोजन दिया जा रहा है। पूर्णिया-सहरसा मुख्य सड़क एनएच 107 पर पानी का दबाब कम हो गया है।

बनमनखी और धमदाहा अनुमंडल के बाढ़ प्रभावित दो दर्जन से अधिक पंचायतों से अब भी पानी नहीं निकला है। अररिया शहर और प्रखंड क्षेत्रों से भी पानी निकल गया है लेकिन स्थिति अब भी असामान्य है। राहत के लिए परेशान लोगों ने शहर में सीओ और बीडीओ के साथ शुक्रवार को मारपीट भी की। जगह-जगह रोषपूर्ण प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रशासन ने जिले में बाढ़ से 30 लोगों के मरने की पुष्टि की है जबकि 60 से अधिक लोगों की मौत हुई बताई जा रही है। किशनगंज जिले में बाढ़ पीड़ित अब अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं।

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बाढ़ पीड़ित आपसी सहयोग से कामचलाऊ सड़क बनाने लगे हैं। संचार व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी है। कटिहार जिले में महानंदा नदी से प्रभावित क्षेत्रों में अब पानी के घटने से स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। पूर्णिया सोनैली सड़क के बीच में सड़क पुल टूटने से आवाजाही बाधित है। जिला प्रशासन ने बाढ़ से 22 लोगों की मरने की पुष्टि की है। वहीं गंगा, कोसी नदी का जलस्तर उफान पर है और खतरे के निशान से 55 सेमी ऊपर बह रही है। मुंगेर में गंगा खतरे के निशान से 1.48 मीटर नीचे बह रही है।

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