मछली उत्पादन में सूबे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए करें कार्य: वीसी
मछली पालन के लिए बिहार में जलस्रोत की स्थिति अच्छी है। फिर भी मछली उत्पादन काफी कम है। इसके चलते दूसरे प्रदेशों से मछली आयात की जा रही है। ये बातें मंगलवार को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय...
मछली पालन के लिए बिहार में जलस्रोत की स्थिति अच्छी है। फिर भी मछली उत्पादन काफी कम है। इसके चलते दूसरे प्रदेशों से मछली आयात की जा रही है। ये बातें मंगलवार को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. आरसी श्रीवास्तव ने कहीं। उन्होंने ढोली मत्स्यकी महाविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय मत्स्य कृषक दिवस 2017 समारोह का उद्घाटन किया। वीसी ने विश्व मछुआ दिवस पर कॉलेज परिसर में पौधरोपण किया। कॉलेज परिसर स्थित तालाब में मछली पालन के लिए जीरा डाला। कुलपति ने कहा कि कॉलेज के छात्रों के साथ फैकल्टी मत्स्य पालन व उत्पादन के लिए कार्य करे। सरकार मछली उत्पादन में राज्य को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। सरकार के इस संकल्प को पूरा करने में कॉलेज अहम भूमिका निभाए। समारोह में ढोली मत्स्यकी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एससी राय, तिरहुत कृषि कॉलेज ढोली के प्राचार्य डॉ. देवेन्द्र सिंह समेत डॉ. एके मिश्रा, डॉ. एसपी सिंह, डॉ. आरके ब्रह्मचारी, डॉ. शिवेन्द्र कुमार, किसान आनंद ठाकुर मौजूद थे। संचालन इप्शिता विश्वास व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. पूनम प्रकाश ने किया।