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घर में सेल्फ स्टडी कर बना आईएएस

कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। जमालपुर के मध्यम वर्गीय परिवार से आये कुमार गौरव ने देश के सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा में 214 स्थान लाकर यह साबित कर दिखाया। गौरव ने न सिर्फ...

घर में सेल्फ स्टडी कर बना आईएएस
Center,BhagalpurThu, 01 Jun 2017 11:06 PM
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कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। जमालपुर के मध्यम वर्गीय परिवार से आये कुमार गौरव ने देश के सबसे प्रतिष्ठित यूपीएससी की परीक्षा में 214 स्थान लाकर यह साबित कर दिखाया। गौरव ने न सिर्फ अपने जिले का मान बढ़ाया बल्कि अपने परिवार के सपनों को साकार कर दिखाया। उन्होंने कड़ी मेहनत के बदौलत यह सफलता अर्जित की। यूपीएससी की चाहत रखने वालों को गौरव ने यह संदेश दिया है कि घर में सेल्फ स्टडी करके भी सफलता अर्जित की जा सकती है। इसके लिये किसी बड़े शहर जाने की जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए एक लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। गौरव अपने पिता के सपने को अपना लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ा और सफलता हासिल की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, चाचा और शिक्षकों को दिया है। कुमार गौरव के पिता अजय यादव जमालपुर रेल कारखाने में डीजल वर्कशॉप में काम करते हैं। जमालपुर के ईस्ट कॉलोनी हॉस्पिटल कैंपस में रहने वाला यह साधारण परिवार आज जिले के लोगों के लिए खास है। अपने बेटे की सफलता से उत्साहित अजय यादव व उनकी पत्नी गीता देवी कहते हैं कि चाहे हालात जैसे भी हो लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं। पढ़ाई में गरीबी भले ही आड़े आती हो मगर प्रतिभा एवं मेहनत के बूते बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। इस परिवार के संघर्ष की दास्तां जमालपुर वासियों के लिए प्रेरणा बनी हुई है। बचपन से ही मेधावी गौरव ने प्लस टू तक की शिक्षा जमालपुर के केंद्रीय विद्यालय से की। फिर एनआईटी की परीक्षा पास कर टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर दो वर्ष कार्य किया। वर्ष 2014 में यूपीएससी को अपना लक्ष्य बनाया और 2015 की परीक्षा में 831वां रैंक लाया। इंटरव्यू में सफल होने के बाद उसे इंडियन आईआरएस की नौकरी मिली। लेकिन ट्रेनिंग के पहले ही गौरव ने स्टडी लीव ले ली और बेहतर रैंक के लिये फिर से यूपीएससी की तैयारी करने लगा। और दूसरे प्रयास में 214 रैंक हासिल किया।

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