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पढ़िए, बेहतर रिजल्ट को जयनगर व लदनियां में बच्चों को पढ़ा रहे अधिकारी

संसाधनों की कमी। सुविधाओं का अभाव और बेहतर माहौल का न होना। ये वो पंक्तियां हैं, जिन्हें अकसर कहा जाता है कि इन वजहों से सफलता से चूक गया। पर इन पर विजय पाई जा सकती है। और इसी कोशिश में लगे हैं...

पढ़िए, बेहतर रिजल्ट को जयनगर व लदनियां में बच्चों को पढ़ा रहे अधिकारी
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीSun, 22 Oct 2017 11:59 PM
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संसाधनों की कमी। सुविधाओं का अभाव और बेहतर माहौल का न होना। ये वो पंक्तियां हैं, जिन्हें अकसर कहा जाता है कि इन वजहों से सफलता से चूक गया। पर इन पर विजय पाई जा सकती है। और इसी कोशिश में लगे हैं जयनगर अनुमंडल क्षेत्र के बच्चे। सरकारी स्कूल व प्राइवेट कोचिंग चलानेवाले शिक्षक। अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे और शिक्षा बांटने में रुचि रखनेवाले लोग।

अगर आप जयनगर और लदनियां के कुछ सरकारी स्कूलों के पास से शनिवार या रविवार को गुजरें तो बच्चों को पढ़ते देखकर चौकिएगा नहीं। क्योंकि यह एक नई शुरुआत है।

10वीं कक्षा के छात्र मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी में लगे हैं। उन्हें अलग से पढ़ा रहे हैं सरकारी स्कूल के शिक्षक। और उन्हें पढ़ाने को आनेवाले हैं डॉक्टर, बीडीओ, सीओ और सीडीपीओ सरीखे अधिकारी। ताकि वो मैट्रिक की परीक्षा में अच्छा कर सकें। जयनगर के एसडीएम राघवेंद्र सिंह की पहल पर यह कोशिश की जा रही है। ताकि पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को मौका मिल सके। वो पढ़ सकें। और मैट्रिक की परीक्षा में अच्छा कर सकें।

दरअसल जिले में कई स्कूलों को उत्क्रमित स्कूल का दर्जा मिला। और मिडिल स्कूल में हाई स्कूल के बच्चों का नामांकन लिया जाने लगा। पर वहां शिक्षक नहीं थे। ऐसे में बच्चे प्राइवेट कोचिंग के भरोसे पढ़ाई कर रहे थे।

कहते हैं बच्चे: रेडमी क्लासेज में पढ़ने वाले मैट्रिक की तैयारी में जुटे बच्चों ने कहा कि उन्हें अच्छा लगता है कि उनके लिए लोग आगे आ रहे हैं। आज के भौतिक युग में जहां हर चीज की कीमत लगाई जा रही है और शिक्षा व्यापार बन गया है वहां शिक्षा आज भी दान में दी जा रही है।

कहते हैं अधिकारी: एसडीएम राघवेंद्र कहते हैं कि यह एक शुरुआत है। इस शुरुआत को बेहतर अंजाम देने में समाज के गणमान्य लोग अपनी महती भूमिका निभा सकते हैं। इसे आगे जारी रखना उनकी जिम्मेदारी है। अगर वे शिक्षकों को सम्मान देंगे तो शिक्षक विद्या दान को इसी तरह आगे आते रहेंगे।

ऐसे हुई पहल और जुड़ते गए अधिकारी व बच्चे

जयनगर एसडीएम राघवेंद्र सिंह ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, अधिकारियों और प्राइवेट कोचिंग चलानेवालों से संपर्क किया। जयनगर और लदनियां में क्लस्टर बनाए गए। इन स्कूलों में आसपास के बच्चों को जोड़ा गया उनका रजिस्ट्रेशन किया गया। और उन्हे मुफ्त में कक्षाएं उपलब्ध कराई गईं। हर शिक्षक को कहा गया कि वो एक कक्षा में एक चैप्टर जरूर पढ़ा दें। ताकि छह माह में बच्चों का कोर्स समाप्त हो जाये। इसके लिए विज्ञान शिक्षक की कमी को देखते हुए कुछ चिकित्सकों से भी संपर्क किया गया कि वो बच्चो को जीव विज्ञान पढ़ा दें। कुछ मिडिल स्कूल के शिक्षक, जिनका गणित अच्छा है उनसे संपर्क किया गया ताकि बच्चों को गणित पढ़ा दें। एक माहौल तैयार हो गया। और इससे बच्चे जुड़ने लगे। लदिनयां में तो करीब 2000 से अधिक बच्चे स्कूल में पहुंच रहे हैं। और पढ़ाई कर रहे हैं रेडमी क्लासेस में। इसमें प्रेम गोसाईं, सत्येंद्र कुमार, नरेंद्र कुमार, सुखदेव राउत, बीरेंद्र कुमार, श्याम महोनकांत जैसे शिक्षकों ने विशेष रुचि दिखाई और रविवार को छुट्टी रहने के बाद भी अपनी सेवा देना सुनिश्चित किया। बीडीओ लदनियां, जयनगर के बीईओ, लदनियां के बीईओ भी रुचि ले रहे हैं। गांव के बच्चों को अवसर कम मिलते हैं और जब इस तरह की एक स्वस्थ पहल होती है तो उनका उत्साह देखते बनता है।

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