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आखिरी जुमे की नमाज अदा

अजान के साथ भारी संख्या में मुसलमानों की चहलकदमी मस्जिदों की ओर बढ़ चली। मुबारक माह को रोजेदारों ने शुक्रवार को आखिरी जुमा पर विदाई दी। कारण 27 वें रोजे को रमजान का आखिरी जुमा कहा जाता है। और जुमे की...

आखिरी जुमे की नमाज अदा
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीFri, 23 Jun 2017 11:50 PM
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अजान के साथ भारी संख्या में मुसलमानों की चहलकदमी मस्जिदों की ओर बढ़ चली। मुबारक माह को रोजेदारों ने शुक्रवार को आखिरी जुमा पर विदाई दी। कारण 27 वें रोजे को रमजान का आखिरी जुमा कहा जाता है। और जुमे की नमाज में इमाम द्वारा भी इसका जिक्र किया गया। इस दौरान अलविदा-अलविदा या शहरूल रमजान सुनकर रोजेदारों की आंखों से आंसू छलक पडे़। शहर के बड़ी मस्जिद, बाटा चौक स्थित मस्जिद,राघोनगर भौआरा, बलुआ, कोतवाली चौक स्थित मस्जिद ससहित दर्जनों मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ सड़कों तक उमड़ पड़ी। मुसलमान रमजानुल मुबारक कह एक दूसरे को रमजान की बधाईयां दी। इसी के साथ ईद की तैयारी जोरों से शुरू कर दिया। तपिश भरी गर्मी में भी मोटी दीवारों से टकराती हवाओं के बीच कुरान-ए-पाक की गूंजती आवाज वातावरण को सराबोर कर रहा था। खुदा की इबादत में झुके सिर धर्म और त्योहार के प्रति प्रेरित होने का भी एहसास करा रहा था। माह-ए-रमजान का चांद देखने के साथ ही शहर के मस्जिदों की फिजा भी बदल गई। छोटे-बड़े सभी रोजेदार खुदा की व्ंादगी में जुट गये। कोई कुरान-ए-पाक का तिलावत कर रहा था तो कोई हाथों में तस्वीह लिये था। तकरीबन 50 हजार से ज्यादा मुसलमानों ने मस्जिदों में आखिरी जुमा पर नमाज अदा किये। मस्जिदों और नमाजियों की सुरक्षा के लिये पुलिस बल भी तैनात किये गये थे।

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