ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मधुबनीबाढ़ की आफत से शौचालय की कमी से जूझ रही आधी आबादी

बाढ़ की आफत से शौचालय की कमी से जूझ रही आधी आबादी

बाढ़ आ गई है। लोग सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। किसी मकान की छत पर। तो किसी उंचे जगह पर। बाढ़ में पुरुष शौच के लिए कहीं निकल भी जाते हैं। पर आधी आबादी का क्या? शौच के लिए वो कहां जाएं। जिस छत पर वो...

बाढ़ की आफत से शौचालय की कमी से जूझ रही आधी आबादी
हिन्दुस्तान टीम,मधुबनीSun, 20 Aug 2017 12:43 PM
ऐप पर पढ़ें

बाढ़ आ गई है। लोग सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। किसी मकान की छत पर। तो किसी उंचे जगह पर। बाढ़ में पुरुष शौच के लिए कहीं निकल भी जाते हैं। पर आधी आबादी का क्या? शौच के लिए वो कहां जाएं। जिस छत पर वो टिकी हैं। वहां भी परेशानी और नीचे तो पानी ही पानी है। शौचालय को लेकर उनकी इस परेशानी की ओर किसी का ध्यान भी नहीं है। लौकही में पानी बढ़ने के बाद जो महिलाएं शिविरों में भी रह रहे हैं वो बांध के किनारे शौच करने के मजबूर हैं। अब जब पानी घटने लगा है। तो गंदगी और बदबू तेजी से बढ़ती जा रही है। बांध पर ही शरण लेनेवाली ललिता देवी ने कहा कि शौच की परेशानी पर कुछ मत पूछिये। ये एक ऐसी समस्या है जिस ओर किसी का ध्यान नहीं। और हम लोग लज्जा के कारण किसी से इस विषय पर बात भी नहीं कर सकते हैं। बेनीपट्टी के त्रिमुहान के पास अपने घर से आकर सड़क पर रहनेवाली सोनमती देवी ने बताया कि नई बहू है। कैसे रहेंगे। बाढ़ ने तो ऐसी परेशानी पैदा कर दी है कि क्या कहें। सोनमती देवी उम्र दराज हैं। शौचालय पर बातें करते हुए नजरें नीचे कर लेती हैं। जब गांव की बुजुर्ग महिलाओं का ये हाल है, तो युवतियों और बहुओं को क्या परेशानी होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। पूछने पर पता चला कि शौचालय का निर्माण डीआरडीए से होना है। पर गति इतनी धीमी है कि क्या कहें। जिला प्रशासन ने आपदा की जो सूची बनाई है उसमें कहीं भी उल्लेख नहीं है कि कुल कितने शौचालय का निर्माण कराया गया है। जिले के सीएस डॉ अमरनाथ झा ने कहा कि गंदगी के कारण डायरिया, लीवर में संक्रमण सहित अन्य रोग हो सकते हैं। इसके लिए इंतजाम किया जा रहा है। पर शौचालय बनाना तो दूसरे विभाग की जिम्मेदारी है। स्वच्छ जल भी है परेशानी: दूसरी परेशानी स्वच्छ जल को लेकर है। हालांकि पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता एसएस दयाल ने बताया कि बाढ़ क्षेत्र में कुल 6 नए चापाकल लगाए गए हैं। वहीं 35 चापाकल की मरम्मत की गई है। साथ ही जो चापाकल पानी से निकल कर बाहर आ रहे हैं उन्हें भी ठीक किया जा रहा है। पर परेशानी यह है कि अगर चापाकल के पास लोग शौचालय भी करेंगे तो चापाकल पानी भी दूषित होगा। जिससे बीमारी फैलने की आशंका है। कुल मिलाकर बाढ़ का कहर आधी आबादी पर दोहरी मार के रूप में साबित हो रहा है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें