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51 साल से चार गांवों के युवा सड़कों की मरम्मत कर मनाते दिवाली

दीपों का त्यौहार यानी कि दीपावली देशभर में पारंपरिक तौर पर मनाई जाती रही है, लेकिन इन्हीं परंपराओं के बीच कई जगहों पर दिवाली मनाए जाने का अपना एक अलग ही अंदाज होता है। दीपावली के बहाने हर कोई...

51 साल से चार गांवों के युवा सड़कों की मरम्मत कर मनाते दिवाली
हिन्दुस्तान टीम,लखीसरायWed, 18 Oct 2017 11:10 PM
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दीपों का त्यौहार यानी कि दीपावली देशभर में पारंपरिक तौर पर मनाई जाती रही है, लेकिन इन्हीं परंपराओं के बीच कई जगहों पर दिवाली मनाए जाने का अपना एक अलग ही अंदाज होता है। दीपावली के बहाने हर कोई अपने-अपने घर-दुकानों की सफाई तो करता ही है, लेकिन आस-पड़ोस के गांवों की सड़कों की सफाई और मरम्मत करके दिवाली मनाए जाने का अंदाज आपको लखीसराय के चानन प्रखंड में देखने को मिलेगा। जी हां! चानन के चार गांवों के युवाओं की टोली अपनी दिवाली इसी अनोखे अंदाज में मनाते हैं। यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि सड़कों को दुरुस्त कर चकाचक करने की यह विशेष परंपरा पिछले 51 सालों से चली आ रही है। ये गांव हैं- रेउटा, मननपुर, गोपालपुर और चूरामन बीघा। दरअसल, इस परंपरा के केंद्र में रेउटा का काली मंदिर है। यहां 1965 ई. में तत्कालीन मुखिया रामकिशोर महतो ने मां काली की प्रतिमा बनवानी शुरू की और कुछ सालों में यहां विशाल मेला लगने लगा। सालों से चारो गांव के युवा टोलियों में बंट कर मंदिर तक पहुंचने वाली सड़कों को चकाचक करते आ रहे हैं। सालों से यहां तीन दिवसीय मेला लगता आ रहा है। प्रत्येक गांव से 10-15 की संख्या में लोगों के साथ 51 सदस्यीय कमेटी बनी हुई है। एक गांव प्रतिमा निर्माण और पूजा करवाता है, तो अन्य तीनों गांवों पर तीन दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम की जिम्मेदारी होती है। हर काम के लिए भरोसे पर रहना ठीक नहीं : युवा कहते हैं कि हर काम के लिए जनप्रतिनिधि और प्रशासन के भरोसे नहीं रहा जा सकता। जन भागीदारी से बड़े-बड़े काम निबटाए जा सकते हैं। कमेटी के अध्यक्ष सह भलूई मुखिया गणेश रजक ने बताया कि इस बार मननपुर गांव की ओर से प्रतिमा निर्माण कराया जा रहा है। वहीं 18 को गोपालपुर, 19 को चूरामन बीघा और 20 को रेउटा की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम कराया जाएगा। सचिव नगीना यादव, उप सचिव रघुवीर मंडल, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र मंडल आदि बताते हैं कि इस पुनीत कार्य में हर गांव आपसी द्वेष भुला कर सहभागिता करता है।

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