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अपहरण का केस निकला झूठा

अपने ही अपहरण का नाटक करने वाले डोमी राम (65) को पुलिस ने नाटकीय ढंग से मनियारपुर स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम से बरामद किया है। बरामद डोमी राम खगड़िया के बेलदौर का निवासी हैजो पिछले चार दिनों से लापता...

अपहरण का केस निकला झूठा
हिन्दुस्तान टीम,खगडि़याFri, 23 Jun 2017 11:01 PM
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अपने ही अपहरण का नाटक करने वाले डोमी राम (65) को पुलिस ने नाटकीय ढंग से मनियारपुर स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम से बरामद किया है। बरामद डोमी राम खगड़िया के बेलदौर का निवासी हैजो पिछले चार दिनों से लापता था और बेलदौर थाने में उसके परिजनों ने अपहरण का मामला दर्ज कराया था। अपहरण की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस को सूचना मिली कि वह बौंसी में रह रहा है। सूचना मिलते ही गुरुवार की रात एएसपी अभियान बिमलेश चंद्र झा के नेतृत्व में पुलिस की टीम देर रात आश्रम पहुंची और वहां रह रहे डोमी राम को बरामद कर लिया। डोमी राम ने अपने घर में फोन पर जानकारी दी थी कि उसका अपहरण कर लिया गया है। साथ ही अपहर्ता फिरौती के तौर पर 10 लाख रुपये मांग रहे हैं। पुलिस ने उसके मोबाइल के लोकेशन की जानकारी ली। मालूम हुआ कि अपहृत डोमी राम बौंसी के मनियारपुर में है। पुलिस टीम गठित कर छापेमारी की, जहां से उसे बरामद किया गया। डोमी ने बताया कि उसने घर में सोनवर्षा जाने की जानकारी दी थी, लेकिन वहां नहीं पहुंचकर ऐसी जगह पहुंच गया है जहां पहाड़ और जंगल मिला। डोमी राम का पुत्र खगड़िया विधायक का बॉडीगार्ड है और पुत्र द्वारा पिता की काफी खोजबीन की गई। जब नहीं मिला तो अपहरण का मामला दर्ज कराया गया। खगड़िया एसपी मीनू कुमारी ने बताया कि डोमी राम के बेटे राजेश राम ने 21 जून की शाम फोन कर उसे सूचना दिया कि उसके पिता का अपहरण कुछ लोगों ने डुमरी पुल के निकट से कर लिया है। इसके बाद पुलिस ने जब खोजबीन शुरू की। परिजनों के निशानदेही पर दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की गई लेकिन उनलोगों ने अपहरण करने की बात से इंकार कर दिया। इसके बाद जब अपहृत डोमी राम के फोन पर कॉल किया जा रहा था तो लगातार बात हो रही थी। हालांकि डोमी राम किसी को कॉल नहीं कर रहा था लेकिन कॉल को रिसीव कर रहा था। पांच लाख रुपए का था कर्ज: पुलिस द्वारा बरामद डोमी राम ने बताया कि एक बेटे को शिक्षक की नौकरी दिलाने व बेटी के शादी के लिए कई महाजनों से लगभग पांच लाख रुपए का कर्ज लिया था। कर्ज चुकता करने के लिए लगातार महाजनों का दबाव था लेकिन कर्ज की राशि देने में डोमी राम के बेटों द्वारा किसी भी प्रकार का प्रयास नहीं किया जा रहा था। इस पर मजबूरन उसे महाजनों के तगादा सेबचने के लिए अपहरण का नाटक करना पड़ा।

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