जलस्तर घटने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी बेपटरी
महानंदा के प्रलयंकारी बाढ़ ने बारसोई अनुमंडल सहित जिले के बारह प्रखंडों में तबाही का मंजर मचाने के बाद अब क्षेत्र के लोगों के समक्ष बेपटरी हुई जिन्दगी को पटरी पर लाने में भारी संघर्ष करना पड़ेगा।...
महानंदा के प्रलयंकारी बाढ़ ने बारसोई अनुमंडल सहित जिले के बारह प्रखंडों में तबाही का मंजर मचाने के बाद अब क्षेत्र के लोगों के समक्ष बेपटरी हुई जिन्दगी को पटरी पर लाने में भारी संघर्ष करना पड़ेगा। इतना ही नहीं पीड़ितो के अलावा केन्द्र व राज्य सरकार के साथ साथ जिला प्रशासन को सामान्य स्थिति में लाने के लिए तीन से चार माह का समय निश्चित रुप से लगाना पड़ेगा। सनद रहे कि विगत एक सप्ताह पूर्व महानंदा के बायां एवं दायां तटबंध के आधा दर्जन से अधिक स्थलों पर कटने के कारण लगभग पन्द्रह लाख लोगों को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ रही है। जैसे जैसे महानंदा का जलस्तर कम होते जा रहा है। वैसे वैसे बाढ़ पीड़ितों के समक्ष अनगिनत समस्याएं सुरसा की मुंह की भांति मुह बाये दिखायी देने लगा है। प्रशासन द्वारा डेढ़ सौ से अधिक राहत शिविर विस्थापितों के बीच चलाये जा रहे हैं। लेकिन सड़क सम्पर्क व अन्य सम्पर्क भंग होने के बाद जिला प्रशासन को राहत सामग्री पहंुचाने में एक मात्र रिलीफ ट्रेन ही साधन बचा है।