झाझा में जलजमाव से हो रही पेरशानी
मंगलवार को आसमां से टपकी मॉनसून की पहली जोरदार फुहारों ने झाझावासियों का दिल बाग-बाग कर दिया। गुजरे कई महीनों से आसमां से आग उगलती धूप व गर्मी के दौर के बाद मंगलवार को पहली बार लोगों को आसमां से राहत...
मंगलवार को आसमां से टपकी मॉनसून की पहली जोरदार फुहारों ने झाझावासियों का दिल बाग-बाग कर दिया। गुजरे कई महीनों से आसमां से आग उगलती धूप व गर्मी के दौर के बाद मंगलवार को पहली बार लोगों को आसमां से राहत बरसती महसूस हो रही थी। इन फुहारों ने लोगों की काया को तो कूल-कूल कर दिया। किंतु,कहीं न कहीं इसने लोगों का जन-जीवन भी बिल्कुल अस्त-व्यस्त कर दिया था। क्या विडंबना है। जब न बरसा था तो इसके लिए चारों ओर हाहाकार मचा था,और बरसा तो भी हाहाकार। पहले बेपनाह गर्मी व जल-संकट का त्राहिमाम था और अब जल भराव का। मंगलवार को थोड़ी बहुत बारिश क्या हुई तकरीबन चहुंओर जल भराव की सूरत सामने आती दिखने लगी। बारिश ने मोटे तौर पर पूरे झाझा प्रखंड को पानी-पानी कर डाला है। शहर के स्टेशन रोड समेत बाजार के भी कई मुकामों पर जल-भराव ने जहां लोगों की आवाजाही में मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। वहीं चांदवारी ग्राउंड,विद्युत सबग्रिड परिसर आदि अनेकों सार्वजनिक संसाधन तक भी इस पहली बारिश में ही पूरी तरह पानीमय हो गए दिखे। चांदवारी ग्राउंड समेत तो मानों किसी तालाब में ही तब्दील हो गए दिखे। उधर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्मों पर भी विभिन्न मुकामों पर जलजमाव की स्थिति बन गई दिखी। शहर की सड़कें भी पानी व कीचड़मय हो जाने से शहरियों का चलना मुश्किल हो गया था। अधिकांश लोग अपने घरों में ही दुबके रहने में अपनी भलाई समझते महसूस हुए। उलाय नदी ने भी पकड़ा पिक-अप:इसके अलावा उधर ग्रामीण हलकों में भी एकडारा,बाराकोला पंचायत के कई गांवों तथा बलियो व बलियाडीह जैसे कई इलाकों में भर गया पानी संकट के संकेत देता दिखने लगा है। जमकर हुई बारिश से झाझा के चहुंओर बहने वाली उलाय नदी भी पिक अप पकड़ती दिखने लगी। प्रखंड कार्यालय के पिछवाड़े वाले रास्ते पर स्थित बलियो में तो उलाय में मंगलवार को ठेहुने के करीब तक पानी हो जाने से नदी के उस पार के करीब दर्जन भर गांव-टोलों के लोग बमुश्किल किसी तरह ही नदी पार करते दिखे। इन ग्रामीणों के लिए शहर आकर बाजार-हाट तक करना भी मुश्किल हो गया था। सबसे बड़ी परेशानी बलियो इलाके के उन बच्चों के लिए हो गई थी जो सुबह मौसम साफ देख शहर में स्थित अपनी स्कूलों को तो चले गए थे किंतु दोपहर में अनायास बारिश से गांव के पड़ने वाली नदी के उफन पड़ने पर उन बच्चों को अपने घरों को लौटना बड़ा संकट बन गया था। उलाय में उफान के साथ ही बलियो वासियों के दिलों में पुल न होने का दर्द भी एक बार फिर उफान पर दिखा। उधर,एकडारा चौक के करीब के भी कई इलाके जल प्लावित हाल में दिखे।