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फॉल्ट खोजने में बीत गयी रात, परेशान रहे उपभोक्ता

शनिवार की रात से लेकर रविवार दोपहर 12 बजे तक 33 हजार वोल्ट का तार टूटने पर पूरे शहर सहित जमुई, खैरा, सिकन्दरा, अलीगंज प्रखंड में बिजली के अभाव में हाहाकार मचा रहा। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में...

फॉल्ट खोजने में बीत गयी रात, परेशान रहे उपभोक्ता
हिन्दुस्तान टीम,जमुईTue, 19 Sep 2017 12:17 AM
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शनिवार की रात से लेकर रविवार दोपहर 12 बजे तक 33 हजार वोल्ट का तार टूटने पर पूरे शहर सहित जमुई, खैरा, सिकन्दरा, अलीगंज प्रखंड में बिजली के अभाव में हाहाकार मचा रहा। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ता परेशान रहे। बिजली कटौती के कारण लोग पूरी रात जागने को विवश हुए। रविवार की सुबह पेयजल आपूर्ति का संकट बना रहा। खासकर शहर में ऊपर के फ्लोर पर रहने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हुई। उन्हें शौच व स्नान के लिए नीचे से पानी ढोना पड़ा। क्या कहते है उपभोक्ता शहर के चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष चंद्रदेव सिंह, सचिव शंकर साह ,व्यवसायी मदन प्रसाद सिंह, उत्तम साह, समाज सेवी पवन कुमार साह, जीतेन्द्र कुमार साह आदि ने बताया कि बिजली की समस्या जमुई शहर के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है। आए दिन जमुई में 33 हजार का तार गिरना आम बात हो गया है। हर 10 दिन में 33 हजार का तार टूटने से तार की गुणवत्ता पर प्रश्न उठ रहा है। तार टूटने से 10-12 घंटे बिजली के बिना अंधेरे मे शहर के साथ साथ जिले के कई प्रखंडों के उपभोक्ताओं को रहना पड़ता है। जबकि व्यवसायिों द्वारा बिल अपटूडेट दिया जा रहा है। उसके बाद भी बिजली की आंख मिचौली से व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। शहर के शास्त्री कालोनी के संजीव कुमार व अन्य ने बताया कि शनिवार की रात साढ़े आठ बजे बिजली गुल हो गई दूसरे दिन बिजली के दर्शन रविवार के दिन के 12 बजे हुई। बिजली ठप होने के करीब दो घंटे बाद इन्वर्टर भी डिस्चार्ज हो गया। गर्मी व उमस के कारण पूरी रात सो नहीं सके। बिजली नहीं रहने से मोटर नहीं चल पाने की वजह से जलापूर्ति का संकट बना रहा। महिसौड़ी चौक निवासी कन्हैया प्रसाद सिंह ने बताया कि बिजली कटौती को लेकर कंट्रोल रूम संपर्क करने का प्रयास किया गया तो फोन बिजी बता रहा था या लगने के बाद भी कोई फोन नहीं उठा रहा था। विभागीय अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। खैरा प्रखंड के कुर्वाटांड़ निवासी रमेश कुमार ने बताया कि दिन के 1 बजे के बाद बिजली आयी। लेकिन, लो वोल्टेज के कारण बिजली उपकरण बेकार साबित हो रहे थे। जेई से संपर्क किया लेकिन वे फोन उठाना वाजिव नहीं समझे। खैरा प्रखंड के विष्णुपुर गांव के रंजीत कुमार ने बताया कि बिजली की आपूर्ति के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। विभाग के अधिकारियों की मानमानी चरम पर देखी जा रही है। सिकंदरा प्रखंड के रान्हन गांव के उपभोक्ता वशिष्ट कुमार सिंह, सीतेश कुमार सिंह, उमेश कुमार सिंह, संजीव कुमार, विजय सिंह, मोहन सिंह आदि ने बताया कि उमसभरी गर्मी से निजात पाने के लिए सिर्फ बिजली ही साधन है। रातभर बिजली गायब रहने के कारण उन्हें रतजगा करना पड़ा। इस भीषण गर्मी में बुरा हाल है। पानी के लिए इधर-अधर भटकना पड़ रहा है। शिकायत के बावजूद बिजली कंपनी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। लोगों ने बताया कि छोटे से बड़े अधिकारी को फोन लगाने के बाद भी वे फोन नहीं उठाते थे।

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