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जमुई में बिजली संकट गहराया

गर्मी चरम पर है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। गर्मी के इस मौसम में बिजली भी दगा दे रही है। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया है। बुधवार को पूरे दिन शहरवासी बिजली संकट...

जमुई में बिजली संकट गहराया
Center,BhagalpurWed, 24 May 2017 11:48 PM
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गर्मी चरम पर है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। गर्मी के इस मौसम में बिजली भी दगा दे रही है। जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया है। बुधवार को पूरे दिन शहरवासी बिजली संकट से जूझने रहे हैं। लगातार बिजली गुल रहने के कारण लोगों को काफी परेशानी रुक-रुक कर आधे या एक घंटे के लिए बिजली आपूर्ति हुई। जबकि सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक कई मुहल्लों में बिजली आपूर्ति नहीं हुई। दो बजे के बाद भी बिजली की आपूर्ति बंद हो गई। मंगलवार की रात भी बिजली की ट्रिपिंग जारी रही। कई जगहों पर फाल्ट लगने के कारण रात 12 बजे के करीब बिजली आई। पटना सीएलडी से लगातार लोड शेडिंग होने के कारण जिले में नियमित बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है। नतीजतन उपभोक्ताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 45 मेगावाट बिजली की जरूरत है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से 15 से 25 मेगावाट बिजली की आपूर्ति जिले में हो रही है। बताया जाता है कि शनिवार को 15 मेगावाट ही बिजली आपूर्ति हुई। आपूर्ति कम होने के कारण ही कठिनाई हो रही है। गर्मी के इस मौसम में बिजली संकट रहने से लोगों को रात और दिन में चैन नहीं मिल रहा है। लोग गर्मी से जूझने को विवश हो रहे हैं। वहीं शहर के कई मोहल्लों में लो वोल्टेज के कारण भी परेशानी हो रही है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऐसी परिस्थिति में रोटेशन के आधार पर स्थानीय शहर में बिजली आपूर्ति किये जाने की पहल की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में चार घंटे बिजली : जिला मुख्यालय में दो से तीन घंटे तक बिजली गुल रहती है। ऐसी परिस्थिति में शहरवासियों को अधिक कठिनाई हो रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 4 से 5 घंटे ही आपूर्ति हो रही है। वह भी नियमित नहीं। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रखंड मुख्यालयों में आपूर्ति नियमित नहीं होने के कारण किसानों को अधिक परेशानी हो रही है। कृषि कार्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि गर्मा फसल की पटवन करने में डीजल पंपसेट चलाना पड़ रहा है। जिसके कारण आर्थिक नुकसान हो रहा है। पौधे भी सूख रहे हैं। सब्जी के उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगे लघु उद्योग पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। सिमुलतला समेत कई जंगली इलाकों में फाल्ट लगने के कारण आपूर्ति प्रभावित हो रही है।

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