ईद का मेला: बिहार में ईद का जश्न, ईदगाह के बाहर लगा मेला
ईद के मौके पर जहानाबाद शहर के मुख्य पथ के किनारे ईदगाह है और ईदगाह के ठीक सामने मेला लगा है। इस मेले में नाव के आकार का झूला, फिसलहरी, कार, रिक्शा, घोड़ा पर सवार होकर चक्कर लगाने वाली चरखी लगी...
ईद के मौके पर जहानाबाद शहर के मुख्य पथ के किनारे ईदगाह है और ईदगाह के ठीक सामने मेला लगा है। इस मेले में नाव के आकार का झूला, फिसलहरी, कार, रिक्शा, घोड़ा पर सवार होकर चक्कर लगाने वाली चरखी लगी है।
बच्चे चरखी पर चक्कर लगा रहे हैं। घोड़ों व गाड़ियों की सवारी कर रहे हैं। गद्देदार फिसलहरी पर फिसल कर मजा ले रहे हैं। मेला परिसर में ही चाट, पकौड़े, चवामिन, गोलगप्पा, समोसा, शरबत आदि की दुकानें सजी हुई हैं, जहां बच्चे अपने मनपसंद चीजों को खा रहे हैं। उनके पॉकेट आज गरम है। कोई अपने अब्बू से पैसा लिया है तो कोई भाईजान से और किसी को उसकी अम्मी ने दी है।
मेला परिसर में ही कार, बाइक, गुड्डा, गुड्डी, जहाज, चाबी से चलने वाले खिलौने आदि की कई दुकानें सजी हुई हैं, जहां बच्चे अपनी पसंद की के खिलौने खरीद रहे हैं। हर चीज की कीमत अलग-अलग है। बच्चे काफी खुश हैं। वह अपने मोहल्ले के दोस्तों के साथ, घर के भाई बहनों के साथ मेला में आए हुए हैं।
अकीदत के साथ पढ़ी गई ईद की नमाज जहानाबाद शहर की ईदगाह में जुटे हजारों अकीदतमंद नमाज अदा करने के पहले से ही ठप हो गया था परिचालन जहानाबाद। कार्यालय संवाददाता रमजान खत्म होने के बाद ईद शव्वाल उल मुकर्रम की पहली तारीख को ईद की नमाज ईदगाह समेत विभिन्न मस्जिदों में अदा की गई।
ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए अकीदतमंदों की इतनी भीड़ जुटी कि जगह कम पड़ गई और उन्हें एनएच 83 पर दरी व अन्य कपड़े बिछाकर नमाज पढ़नी पड़ी। अरवल मोड़ से लेकर ईदगाह के आगे तक लंबी दूरी में कई कतार बनाकर अकीदतमंदों ने नमाज अदा की।नमाज का समय होने से पहले ही वाहनों का आवागमन रोक दिया गया था।
ईदगाह में मौलाना शब्बीर आलम ने अकीदतमंदों को ईद की नमाज अदा कराई। इससे पहले उन्होंने कहा कि शैतान इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है और यह दुश्मन इंसान की जिस्म में है। अगर कोई इंसान खता करता है, तो यह समझो कि उसे शैतान भड़का रहा है। जिस इंसान का दिल देखो वही इंसान कहलाता है। उन्होंने कहा खुदा अमीरी-गरीबी नहीं देखता। इंसान के कर्म पर ही उसे जन्नत नसीब कराता है।
दिल नेक है तो आपका नीयत भी नेक ही रहेगा। साजिश रचना, गाली देना किसी को सताना, जुल्म करना बुरी बात है और इस्लाम इसकी कभी इजाजत नहीं देता। ईदगाह के आसपास एसडीओ नवल किशोर चौधरी, एसडीपीओ प्रशांत भूषण श्रीवास्तव सुरक्षा व विधि व्यवस्था की कमान संभाले हुए थे। काफी संख्या में एसएसबी, सैप, जिला पुलिस के जवानों की प्रतिनियुक्ति की गई थी। इसमें महिला पुलिस की भी तादाद अच्छी देखी गई। शहर के हर चौक-चौराहों मस्जिदों के पास भी दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारी व जवान मुस्तैद दिखे।