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जब शौचालय के लिए मोहिनी ने राज को मना लिया

आग्रह किया, सरम से झुकेला नयनवा हो राजा मान ल कहनवा डीएम व एसडीएम की उपस्थिति में कलाकालों ने किया रिहर्सल जहानाबाद। कार्यालय संवाददाता जिले में स्वच्छता मिशन पूरे सवाब पर है। हर ओर स्वच्छता के...

जब शौचालय के लिए मोहिनी ने राज को मना लिया
हिन्दुस्तान टीम,जहानाबादSun, 20 Aug 2017 04:00 PM
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आग्रह किया, सरम से झुकेला नयनवा हो राजा मान ल कहनवा डीएम व एसडीएम की उपस्थिति में कलाकालों ने किया रिहर्सल जहानाबाद। कार्यालय संवाददाता जिले में स्वच्छता मिशन पूरे सवाब पर है। हर ओर स्वच्छता के नारे व गीत सुनाई पड़ रहे हैं। दीवारों पर लिखे सलोग्न दिख रहे हैं। बैठकें हो रही हैं। रैली निकल रही है। चौपाल लग रही है। घर-घर संपर्क किया जा रहा है। मॉर्निंग व इवनिंग फॉलोअप किया जा रहा है। गांवों में अधिकारियों का दौरा हो रहा है। योजनाएं बन रही हैं। कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। रणनीति तैयार की जा रही है। इसी क्रम में रविवार को कलेक्ट्रेट के सभा भवन में जिला कला एवं सांस्कृतिक मंच के कलाकारों ने स्वच्छता पर आधारित गीत-संगीत का पूर्वाभ्यास किया। मौके पर डीएम मनोज कुमार सिंह, एसडीओ डॉ. कौशलेंद्र कुमार, मंच के समन्वयक संतोष श्रीवास्तव भी थे। जब मंच पर गुड़िया ने ‘घर में बनाई द पखनवा हो, राजा मान ल कहनवा की बोल से गीत पेश किया तो अन्य कलाकारों ने तान छेड़ दिया। फिर क्या था प्रिंस ने तड़के अपना दु:खड़ा सुनाया ‘ना बाटे रुपया हो ना बाटे पइसा कइसे बनाई हम पखनवा हो धनि मान ल कहनवा। पति-पत्नी का पात्र निभा रहे कलाकारों के बीच काफी देर तक नोकझोंक चलता रहा। लेकिन, आखिरकार गुड़िया प्रिंस को मना लेती है और उसके घर में शौचालय का निर्माण हो जाता है। फिर वह खुले में शौच के लिए नहीं जाती है। राधा रानी और अवनिश कुमार मुन्ना भी कहां पीछे रहनेवाले थे। वे भी नहले पे दहला मारते रहे। पेश किया ‘जीवन अगर बचाना है तो स्वच्छता को अपनाना है, स्वच्छ रहेंगे स्वस्थ रहेंगे यही बात समझना है... तो पूरा सभा कक्ष करतल ध्वनि से गूंज उठा। इस गीत के माध्यम से कलाकारों ने लोगों को यह बताने की कोशिश की कि चाहे जो भी मजबूरी हो शौचालय बनवाना जरूरी है। गायक विश्वजीत महाराज ने ‘हाथ जोड़ी पइयां पड़ी मान ल कहनवा ए राजा जी, घर में बनवाई द पखनवा ए राजा जी गाकर लोगों को शौचालय निर्माण कराने के लिए प्रेरित किया। इनके गीत के टोन पर श्रोताओं की न सिर्फ अंगुलियां व टांगे करतब करने लगी, बल्कि वे काफी भावविभोर भी हुए। लेकिन, गीत के समापन पर एसडीओ ने सलाह दी गायिका इसे पेश करे तो माहौल और बदलेगा। सुजीत के गीत ‘गांवे-गांवे, गली-गली चले अभियनवा, घर-घर बनवाव हो भइया पखनवा ने भी खूब वाहवाही लूटी। श्रोताओं ने खूब सराहा।

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