पढ़ें हाजीपुर के पातेपुर में सुक्की गांव को क्यों कहा जाता है आमों की नगरी
जिले के बाजार ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी महुआ अनुमंडल के सुक्की का लंगड़ा आम इस समय धूम मचा रहा है। हालांकि इस बार बहुत कम पेड़ों पर ही आम आए हैं। जिस तरह पेड़ों पर मंजर लद के आए थे, उसमें टीकोले...
जिले के बाजार ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी महुआ अनुमंडल के सुक्की का लंगड़ा आम इस समय धूम मचा रहा है। हालांकि इस बार बहुत कम पेड़ों पर ही आम आए हैं। जिस तरह पेड़ों पर मंजर लद के आए थे, उसमें टीकोले लगते तो किसानों की दशा और दिशा बदल जाती। रविवार को सुक्की के आम उत्पादकों ने बताया कि यहां से आम जिले के बाजारों के अलावा दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं। यहां का लंगड़ा आम विख्यात है। मालूम हो कि पातेपुर प्रखंड का सुक्की गांव को आम की नगरी कहा गया है। यहां गांव में 80 फीसदी भूमि पर आम के बगीचे लगे हैं। यहां का सफेद मालदह यानी लंगड़ा आम प्रसिद्ध है। यहां की मिट्टी आम उत्पादन के लिए उपयुक्त होने के कारण ग्रामीणों द्वारा आम के बगीचे बड़े पैमाने पर लगाए गए हैं। किसान बताते हैं कि आम की उपज से ही परिवार चलता है। किसानों का कहना है कि इसबार मंजर तो लद के आए थे पर उसमें टीकोले की जगह पत्ते आ गए। आम का फलन बहुत ही कम है। जिस तरह मंजर लद के आए थे उसमें टीकोले लगते तो किसान मालामाल हो जाते पर प्रकृति ने धोखा दिया। आम उत्पादकों को इसबार धोखा हुआ है। दूसरे राज्यों में आम भेजते हैं किसान आम को तोड़कर किसान दूसरे राज्यों में भेजते हैं। यहां कुछ किसान आम के व्यवसाय से भी जुड़े हैं। उन्हें इस समय काम मिल जाता है। वे किसानों से बगीचे खरीदकर उसके उपज को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, ओडिसा, बंगाल आदि राज्यों में भेजते हैं। यहां के आम की मांग दूसरे राज्यों में अधिक है। सुक्की का लंगड़ा आम प्रसिद्धी पाई है और इसके स्वाद अलवेला होता है। उत्पादन न के बराबर होने से आम सभी की पहुंच से बाहर इस बार आम का उत्पादन न के बराबर होने से यह सभी की पहुंच से बाहर हो गया है। बाजार में अभी मालदह आम 50 रुपए किलो बिक रहा हैं जबकि पिछले वर्ष 20 रुपए किलो था। लोगों को आम खरीदने में जेब ढीली पड़ जा रही है। जहां आम को लोग पसेरी में खरीदते थे वहां इस बार किलो और आधा किलो में खरीदारी कर रहे हैं। दरभंगा को पछाड़ वैशाली ने बनाई है पहचान आम उत्पादन में बिहार तीसरा स्थान रखता है और सूबे में दरभंगा जिला इसका उत्पादन केन्द्र रहा है। बीते कुछ वर्षों से किसानों की मेहनत से वैशाली जिला आम उत्पादन के क्षेत्र में अब्बल स्थान लाया है। यहां अगात आमों में बम्बईया और जर्दालु है। इसके बाद सफेद मालदह, सिपिया, कृष्णभोग, सेनुरिया, चौसा, आम्रपाली, सुकुल आदि आता है। सबसे अंत में बथुआ आम का स्वाद लोग चखते हैं।