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बोधगया में रथयात्रा में उमड़ा जन सैलाब

भगवान श्रीजगन्नाथ जी की रथयात्रा बोधगया में रविवार को बड़े धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ निकली। निर्धाति समय पर जगन्नाथ मंदिर से जय श्रीजगन्नाथ के जयकारे के उद्घोष के साथ रथयात्रा प्रारंभ हुई। रथ खींचने...

बोधगया में रथयात्रा में उमड़ा जन सैलाब
हिन्दुस्तान टीम,गयाSun, 25 Jun 2017 08:40 PM
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भगवान श्रीजगन्नाथ जी की रथयात्रा बोधगया में रविवार को बड़े धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ निकली। निर्धाति समय पर जगन्नाथ मंदिर से जय श्रीजगन्नाथ के जयकारे के उद्घोष के साथ रथयात्रा प्रारंभ हुई। रथ खींचने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया। भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के पावन रूवरूपों से सजे रथ की रस्सी खींचने के लिए लोग आतुर थे। दोपहर 2 बजे चिलचिलाती धूप में भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हो रहा था। रथयात्रा में शामिल होने के लिए दूर दराज के लोग भी बोधगया पहुंचे थे। पुरी के आर्चायों के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सुबह पांच बजे मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीजगन्नाथ, माता सुभद्रा,एवं बलभद्र की विधि विधान से पूजा की गयी। इसके बाद आसन से उतारकर बरामदे पर पुन: उनकी विधिवत आराधना की गयी। तीनों रथो को पुष्प मालाओं से सजाया गया था। उसके बाद भगवान को मंदिर से निकाल कर रथ पर शंखनाद के साथ बैठाया गया। इस बीच श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद वितरित किया गया। हाथी-घोड़े, ऊंट एवं गाजे-बाजे के साथ जय जगन्नाथ का उद्घोष करते हुए रथयात्रा निकली। रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर से निकल कर बीटीएमसी पंहुंची फिर वहां से गांधी चौक होते हुए मौसा मोड़ गयी। रास्ते में जगह जगह श्रद्धालुओं अपने घरों से फुलों की वर्षा कर रहे थे। मौसा मोड़ से वापस उसी मार्ग से आगे बढ़ते हुए राजापुर, हनुमान मंदिर तक रथ गया। यहां से सुजाता पुल के पश्चिमी भाग से होते हुए शंकराचार्य मठ पहुंचा। यहां उनका रात्रि प्रवास होगा। रथयात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह शरबत व शीतल पानी की व्यवस्था की गयी थी। मंदिर के पुनर्निर्माण के बाद यह तीसरी रथयात्रा है। रथयात्रा को देखते हुए बोधगया सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किये गये थे। रथयात्रा के गुजरने वाली सभी मार्गों पर पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी। नपं उपाध्यक्ष मनोरमा देवी ने भी कुछ दूर तक रथ खींचा। पंडित रविशंकर पाण्डेय ने बताया कि भगवान रविवार को बोधगया मठ स्थित अन्नपूर्णा जी यानी मौसी के यहां विश्राम करेंगे और सोमवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद जगन्नाथ जी को लाया जायेगा।

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