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पितृपक्ष मेला 16वां दिन : फल्गु में तर्पण को उमड़ा जनसैलाब

आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या को पिंडदानियों की सबसे ज्यादा भीड़ रही। बुधवार की सुबह चांदचौरा से लेकर विष्णुपद और देवघाट से लेकर सीताकुंड पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ नजर रही। देश के कोने-कोने से आए...

पितृपक्ष मेला 16वां दिन : फल्गु में तर्पण को उमड़ा जनसैलाब
हिन्दुस्तान टीम,गयाWed, 20 Sep 2017 06:29 PM
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आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या को पिंडदानियों की सबसे ज्यादा भीड़ रही। बुधवार की सुबह चांदचौरा से लेकर विष्णुपद और देवघाट से लेकर सीताकुंड पर तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ नजर रही। देश के कोने-कोने से आए तीर्थयात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों की भीड़ पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए फल्गु नदी में उमड़ पड़ी। देवघाट के सामने के साथ ही सीताकुंड के पास जलधारा में तीर्थयात्रियों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी तर्पण किया। देवघाट और बीच नदी में चापाकल और झरनों पर पिंडदानी स्नान करते नजर आए। 12 बजे के अमावस्या समाप्त हो जाने के कारण त्रिपाक्षिक पिंडदान करने कुछ तीर्थयात्रियों ने गायत्री घाट पर नाना-नानी के लिए कर्मकांड किया। गुरुवार की सुबह भी यहां प्रतिपदा पिंडदान के लिए तीर्थयात्री जुटेंगे। घाट से लेकर मंदिर तक लगी रही कतार अमावस्या की सुबह देवघाट पिंडदानियों से पटा रहा। संगत घाट पर बना भव्य पंडाल पिंडदानियों की भीड़ से भरा दिखा। इसके अलावा देवघाट पर भी बना पंडाल भी तीर्थयात्रियों के जत्थे से सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक खचाखच भरा रहा। तर्पण के बाद विष्णुपद मंदिर में भगवान के चरण के दर्शन को पूजन के लिए भी तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की भीड़ रही। विष्णुपद मंदिर के मेन गेट से लेकर रोड तक पिंडदानी कतार में खड़े रहे। सुबह से लेकर दोपहर तक मंदिर में विशेष भीड़ रही। तर्पण-पूजन के बाद अक्षयवट में लिया सुफल तर्पण और पूजन के लिए विष्णुपद मंदिर से देवघाट तक पहुंचने के लिए पिंडदानियों का तांता लगा रहा। फल्गु में तर्पण के बाद विधान के अनुसार अमावस्या को अक्षयवट तीर्थ पर वृक्ष के नीचे तीर्थयात्रियों ने कर्मकांड किया। यहां भारी संख्या में पिंडदानियों के जुटने से पिंडवेदी का परिसर छोटा पड़ गया। वेदी के ईद-गिर्द खाली स्थानों पर भी पिंडदानी कर्मकांड करते नजर आए। यहां दिन भर विशेष चहलपहल बनी रही। पिंडदान करने के बाद तीर्थयात्रियों ने अपने पुरोहितों से सुफल लिया। सुफल के साथ ही अपने पितरों के निमित एक पखवारे के कर्मकांड को समाप्त किया। दोपहर बाद लौटने लगे पिंडदानी गयाधाम में पितृऋण से मुक्ति के लिए कर्मकांड के बाद पिंडदानी अपने-अपने घर लौटने लगे। दोपहर बाद ऑटो, बस, निजी वाहन से पिंडदानी लौटते नजर आए। पिंडदानियों के लौटने की वजह से कई मार्गों पर वाहनों की संख्या बढ़ जाने के कारण जाम की स्थिति नजर आयी। खासकर दोपहर में चांदचौरा मोड़ से लेकर बाइपास तक वाहनों की कतार दिखी।

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