डीएमसीएच में 48 घंटे बाद काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर
डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर 48 घंटे तक हड़ताल पर रहने के बाद बुधवार दोपहर करीब 12.30 बजे काम पर लौट आए। सदर एसडीओ गजेन्द्र कुमार सिंह, सदर एसडीपीओ दिलनवाज अहमद व प्रभारी अधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर से...
डीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर 48 घंटे तक हड़ताल पर रहने के बाद बुधवार दोपहर करीब 12.30 बजे काम पर लौट आए। सदर एसडीओ गजेन्द्र कुमार सिंह, सदर एसडीपीओ दिलनवाज अहमद व प्रभारी अधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर से वार्ता के बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने का फैसला लिया। हालांकि इससे पूर्व उनलोगों ने अस्पताल प्रशासन को अपनी मांगों से संबंधित लंबी फेहरिस्त थमा दी थी। डीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के दौरान 11 मरीजों ने दम तोड़ दिया। हड़ताल के पहले दिन छह मरीजों की मौत हुई थी, जबकि दूसरे दिन पांच सितम्बर को पांच और मरीजों ने दम तोड़ दिया। मेडिसिन आइसीयू में एक मरीज व मेडिसिन फर्स्ट व चिल्ड्रेन मेडिकल वार्ड में दो-दो मरीजों ने दम तोड़ा। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों के काम पर नहीं लौटने की स्थिति में डीएमसीएच में मरीजों के मौत की संख्या बढ़ सकती थी। मंगलवार शाम डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी सत्यवीर सिंह से लम्बी वार्ता के बाद भी जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं लौटे थे। इसे देखते हुए वरीय अधिकारियों के निर्देश पर सदर एसडीओ व सदर एसडीपीओ उनलोगों से वार्ता करने डीएमसीएच पहुंचे थे। अधिकारियों की ओर से जूनियर डॉक्टरों को पूर्ण सुरक्षा देने व उनकी मांगों पर अमल करने का आश्वासन दिए जाने पर वे काम पर लौटने को तैयार हुए। इससे पूर्व डीएमसीएच के ओपीडी में वरीय चिकित्सकों ने कमान संभाल रखी थी। हालांकि अस्पताल में दोपहर तक एक भी ऑपरेशन नहीं हो सका था। प्रभारी अधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर ने हड़ताल के दौरान पांच सितम्बर को पांच मरीजों की मौत की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज में कोई कोताही नहीं बरती गई। उन्होंने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की ओर से सौंपे गए मांगों को लेकर कार्रवाई की जा रही है।