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अमेरिका में मिली बिहार की 3 साल की बच्ची की लाश, पिता ने दी थी सजा

नालंदा जिला मुख्यालय स्थित नालंदा मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम से पिछले वर्ष गोद ली गयी करीब तीन साल की बच्ची सरस्वती उर्फ शेरिनी मैथ्यूज की अमेरिका में लाश मिली है। दस दिन पहले गोद लेने वाले अमेरिका...

अमेरिका में मिली बिहार की 3 साल की बच्ची की लाश, पिता ने दी थी सजा
हिन्दुस्तान टीम,बिहारशरीफMon, 23 Oct 2017 05:40 PM
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नालंदा जिला मुख्यालय स्थित नालंदा मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम से पिछले वर्ष गोद ली गयी करीब तीन साल की बच्ची सरस्वती उर्फ शेरिनी मैथ्यूज की अमेरिका में लाश मिली है। दस दिन पहले गोद लेने वाले अमेरिका के टेक्सास प्रांत निवासी दंपती ने दूध नहीं पीने पर बच्ची को घर से बाहर निकाल दिया था। उसके बाद से बच्ची गायब थी। सोमवार को बच्ची के शव मिलने की सूचना अनाथ सेवा आश्रम के लोगों को मिली है।

नालंदा मदर टेरेसा अनाथ सेवा आश्रम के अध्यक्ष अमित कुमार पासवान ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वहां की पुलिस ने एक कंकाल बरामद किया है। बरामद कंकाल गायब बच्ची के होने की संभावना जतायी गयी है। उन्होंने कहा कि बच्ची को गोद लेने वाले दंपती के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। दोषी दंपती को भारत में लाकर सजा दी जाए। बच्ची को गोद लेते समय दंपती ने बड़े-बड़े वायदे किये थे। अच्छे ढंग से रखने की बात कही थी।

छोटी सी गलती पर निकाला था घर से :

जानकारी के अनुसार बच्ची को अमेरिकन दंपती ने मामूली सी बात पर घर से पिछले 7 अक्टूबर को निकाल दिया था। कसूर सिर्फ इतना था कि बच्ची दूध का गिलास खाली नहीं की थी। इसी बात को लेकर दंपती ने उसे घर से बाहर निकाल दिया और दरवाजा बंद कर दिया। कुछ देर बाद दरवाजा खोले पर बच्ची गायब थी।

सारी प्रक्रिया पूरी कर दंपती को सौंपी गयी थी बच्ची :-

अनाथ सेवा आश्रम के अध्यक्ष अमित पासवान ने बताया कि 23 जून 2016 को अमेरिका के वेसिली मैथ्यूज और उनकी पत्नी मिनी सिमी ने दत्तक ग्रहण से संबंधित प्रक्रिया पूरी कर बच्ची को गोद लिया था। नालंदा के तत्कालीन एसपी कुमार आशीष, उनकी पत्नी देवयानी व बाल संरक्षण इकाई की निदेशक नेहा नुपूर की मौजूदगी में बच्ची को अमेरिकन दंपत्ती को सौंपा गया था। अध्यक्ष ने बताया कि गोद लेने के बाद दंपती ने सरस्वती का नाम शेरिन मैथ्यूज रखा था। दत्तक पिता वेसिली मैथ्यूज मूलत: भारत के एर्नाकुलम के निवासी हैं।

अनाथ आश्रम के लोग आहत:-

बच्ची की लाश मिलने की खबर के बाद नालंदा अनाथ आश्रम के लोग आहत हैं। अध्यक्ष बताते हैं कि सरस्वती काफी चंचल थी। बच्चों के साथ वह काफी हंसती-खेलती थी। बड़ों को चाचा-चाचा कहकर पुकारती थी। उसकी मिठी-मिठी बातें सुन हर कोई उसके तरफ प्रभावित हो जाते थे। अब वह इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसे याद कर आश्रम के लोग आंसू नहीं रोक पा रहे हैं।

गया में सड़क किनारे मिली थी बच्ची :

बताया जाता है कि दो साल पहले बच्ची गया में सड़क किनारे फेंकी मिली थी। उस वक्त उसकी उम्र करीब सात माह थी। गया की बाल कल्याण समिति के लोगों द्वारा डेढ़ साल की उम्र में बच्ची को अनाथ आश्रम को सौंपा गया था।

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