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जांच टीम ने बीएयू के चार शिक्षकों से की पूछताछ

बिहार कृषि विश्वविद्यालय नियुक्ति घोटाले में सोमवार को डीएसपी मुख्यालय व जांचकर्ता रमेश कुमार ने सर्टिफिकेट जांच कमेटी के चार सदस्यों से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। डीएसपी ने कहा कि चारों सदस्य प्रो....

जांच टीम ने बीएयू के चार शिक्षकों से की पूछताछ
Center,BhagalpurTue, 23 May 2017 01:52 AM
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बिहार कृषि विश्वविद्यालय नियुक्ति घोटाले में सोमवार को डीएसपी मुख्यालय व जांचकर्ता रमेश कुमार ने सर्टिफिकेट जांच कमेटी के चार सदस्यों से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। डीएसपी ने कहा कि चारों सदस्य प्रो. गुरुशरण पवार, प्रो. गिरिश कुमार, प्रो. अंशुमान कोहली और प्रो. संजय कुमार से पूर्व में भी पूछताछ की गई थी। उन्होंने कहा कि कमेटी के सदस्यों से जांच में सहयोग करने को कहा गया है। चारों सदस्यों ने जांच में सहयोग करने की बात कही है। डीएसपी ने कहा कि सदस्यों से पूर्व में भी पूछताछ की गई थी और नियुक्ति से संबंधित कुछ दस्तावेज मांगे गए थे। एसआईटी का कहना है कि नियुक्ति कमेटी के दो सदस्य ऑफिसर इंचार्ज प्रो. राजभवन वर्मा और सहायक निदेशक अमित कुमार की गिरफ्तारी के बाद बीएयू में हड़कंप मच गया है। दो और सदस्यों की गिरफ्तारी के बिंदु पर नियुक्ति कमेटी के सदस्य परेशान हो गए हैं। इन लोगों ने डीएसपी से मिलने का समय मांगा था। सोमवार को पूछताछ के बाद चारों सदस्यों ने अपने को निर्दोष बताया है। डीएसपी ने कहा कि जांच में साक्ष्यों के आधार पर तय किया जाएगा कि नियुक्ति में गड़बड़ी के लिए कौन दोषी हैं और कौन निर्दोष हैं। एसआईटी की अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर पास अभ्यर्थियों को फेल और फेल अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया था। डीएसपी ने कहा कि चारों शिक्षकों को सिर्फ जांच में सहयोग के लिए बुलाया गया था। मेवालाल के भतीजे को 25 मई को पूछताछ के लिए बुलाया नियुक्ति घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व कुलपति मेवालाल चौधरी के भतीजा रमेश चौधरी को 25 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसके पहले 20 मई को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया था लेकिन वे नहीं आए थे। सोमवार को रमेश चौधरी के वकील डीएसपी से मिले और कहा कि नोटिस 20 मई को दोपहर बाद मिला था, इसलिए वह उपस्थित नहीं हो पाए। इस पर डीएसपी ने कहा कि नोटिस भेजने के बाद रमेश चौधरी से मोबाइल पर बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा था कि हम दिल्ली में हैं और 17 मई को तारापुर लौट रहे हैं। जब सीधे बात हो गई तो नोटिस का क्यों बहाना बनाया जा रहा है? रमेश चौधरी के वकील ने कहा कि अब जब भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, वे उपस्थित होंगे। उसके बाद डीएसपी ने 25 मई की तिथि निर्धारित की।

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