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भटक रही वृद्धा कहती थी...उसका बेटा आकर घर ले जाएगा, आखिर पहुंच ही गया बेटा

दस दिनों से भटक रही वृद्ध महिला कहती थी...उसे घर ले जाने उसका बेटा आएगा, आखिरकार पहुंच ही गया

Sunilकार्यालय संवाददाता,भागलपुरThu, 14 Sep 2017 01:22 AM

एक सप्ताह से एक घर के छज्जे के नीचे सड़क पर बैठी मिलती थी

 एक सप्ताह से एक घर के छज्जे के नीचे सड़क पर बैठी मिलती थी1 / 2

दस दिनों से भटक रही वृद्ध महिला कहती थी...उसे घर ले जाने उसका बेटा आएगा, आखिरकार पहुंच ही गया उनका बेटा। भटककर इशाकचक के गुमटी संख्या 12 के पास पहुंची वृद्ध महिला को लेने बुधवार को उनके घरवाले पहुंचे। पिछले दस दिनों से वृद्धा लाइन किनारे के मोहल्ले में पड़ी थी। बुधवार को उसका बेटा, बेटी और दामाद उसे लेने पहुंचे और साथ ले गए।

हाथीदाह के मराची गांव की रहने वाली वृद्धा के बेटे विपिन यादव ने बताया कि उनकी मां दो माह पहले सावन महीने में अपनी बड़ी बेटी रेशमा के घर जाने के लिए चुपचाप ही सामान लेकर निकल गई थी। इसके बाद से वह लापता थी। उस वक्त उनके घर पर केवल विपिन की पत्नी ही घर का देखभाल कर रही थी। जबकि विपिन हर साल की तरह सावन माह में सुल्तानगंज में कांवर बनाने का काम करने के लिए चला आया था।

विपिन ने बताया कि सुल्तानगंज में रहने वाली उसकी बहन कालो देवी और जीजा सूरज यादव ने अखबार में मां की फोटो देख उन्हें सूचना दी। जिसके बाद तीनों अपनी मां को लेने के लिए भागलपुर पहुंच गए। विपिन ने इसके लिए दैनिक अखबार हिन्दुस्तान के प्रति आभार व्यक्त किया।
 

बेटा, बेटी और दामाद उसे लेने पहुंचे और साथ ले गए

बेटा, बेटी और दामाद उसे लेने पहुंचे और साथ ले गए2 / 2

इशाकचक थाना क्षेत्र के गुमटी संख्या 12 के समीप लाइन किनारा मोहल्ले में एक महिला एक सप्ताह से एक घर के छज्जे के नीचे सड़क पर बैठी मिलती थी। उससे पूछताछ करने वाले हर व्यक्ति को वह दबी हुई आवाज में एक ही बात बोलती थी कि उसे उसका बेटा लेने के लिए आएगा। उसी का इंतजार कर रही है।

महिला की बोलने और सुनने की क्षमता भी कमजोर होने की वजह से वह ज्यादा बात नहीं कर पा रही थी। महिला ने टूटे-फूटे शब्दों में बताया कि उसके गांव का नाम मराची है। उसके घरवालों ने उसे कुछ दिन पहले एक रिक्शा पर बिठाकर घर का कुछ सामान देकर भेज दिया था और उसके बेटे ने उसे लेने के लिए जल्द ही आने का वादा किया था।

कुछ दूर रिक्शा से चलने के बाद महिला को रिक्शा चालक ने एक सूनी जगह पर उतार दिया था, जिसके बाद एक पुलिस वाले ने उसे ऑटो में बिठा दिया। ऑटोवाला भी उसे एक सूनी जगह पर उतार दिया। वहां से वह भटककर उक्त जगह पहुंच गई। अब वह वहीं बैठकर अपने बेटे का इंतजार कर रही थी।