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अब बी.एड के साथ कॉलेजों को दूसरे कोर्स भी खोलने होंगे

सत्र 2018-20 से सिर्फ बीएड की पढ़ाई के लिए कॉलेज नहीं खुलेंगे। एनसीटीई से सत्र 2017-19 के संबंधन के लिए भी जिन कॉलेजों ने आवेदन किया है या जिन्हें संबंधन मिल गया है, उन्हें भी बीएड के साथ कंपोजिट...

अब बी.एड के साथ कॉलेजों को दूसरे कोर्स भी खोलने होंगे
हिन्दुस्तान टीम,भागलपुरWed, 28 Jun 2017 02:00 AM
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सत्र 2018-20 से सिर्फ बीएड की पढ़ाई के लिए कॉलेज नहीं खुलेंगे। एनसीटीई से सत्र 2017-19 के संबंधन के लिए भी जिन कॉलेजों ने आवेदन किया है या जिन्हें संबंधन मिल गया है, उन्हें भी बीएड के साथ कंपोजिट कोर्स चलाने होंगे। यानी बीएड के साथ शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़ा कम से कम एक या इससे अधिक कोर्स भी चलाने होंगे। 29 जून को पटना में एनसीटीई ने बीएड कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक बुलाई है, जिसमें एनसीटीई के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में कंपोजिट कोर्स पर चर्चा होगी। भागलपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के डीन डा. राकेश कुमार ने बताया कि एनसीटीई ने उन कॉलेजों को भी अतिरिक्त कोर्स शुरू करने को कहा है जो अब तक केवल बीएड की पढ़ाई करा रहे थे। दूसरी तरफ एनसीटीई ने निर्देश जारी किया है कि सत्र 2018-20 के संबंधन के लिए वैसे ही कॉलेज आवेदन कर सकेंगे जो बीएड के अलावा कम से कम एक और कोर्स चलाएंगे। कंपोजिट कोर्स में कम से कम दो कोर्स (बीएड और एक अतिरिक्त) चलाना अनिवार्य कर दिया गया है। डीन ने बताया कि सत्र 2018-20 के संबंधन के लिए अभी ज्यादातर कॉलेजों ने आवेदन नहीं किया है। दूसरी तरफ पूर्व से चल रहे बीएड कॉलेजों में से कुछ ने कंपोजिट कोर्स के लिए आवेदन किया है। इसमें से भागलपुर के एक कॉलेज ने बीएड के साथ एमएड की पढ़ाई के लिए आवेदन किया है। प्राचार्य एक लेकिन स्टाफ अलग कंपोजिट कोर्स चलाने की स्थिति में कॉलेजों को लगभग दोगुने संसाधन जुटाने होंगे। इसमें प्राचार्य एक हो सकते हैं लेकिन बाकी के स्टाफ अलग-अलग होंगे। बीएड के स्टाफ का अतिरिक्त कोर्स के लिए उपयोग नहीं होगा। हालांकि लाइब्रेरी और खेल के मैदान जैसे संसाधन समान रह सकते हैं। अलग-अलग होगा भवन कंपोजिट कोर्स चलाने के बावजूद कॉलेजों को दोनों तरह के कोर्स के लिए अलग-अलग भवन बनाने होंगे। कॉलेज अगर एक से ज्यादा अतिरिक्त कोर्स चलाएंगे तो उन्हें भवन भी उतने ही बनाने पड़ेंगे। अभी शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में बीएड कॉलेज के लिए दो एकड़ जमीन का मानक है। इसमें चार हजार स्क्वायर फीट में निर्माण होना चाहिए। डीन ने बताया कि कमरे कम से कम चार और प्रत्येक की लंबाई-चौड़ाई 500 स्क्वायर फीट होनी चाहिए। दो कमरे स्टाफ के लिए, एक कमरा प्राचार्य के लिए और एक बहुद्देशीय प्रशाल होना चाहिए। लेकिन कंपोजिट कोर्स चलाने की स्थिति में यह मानक उसी अनुसार तय हो सकता है।

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