OMG! सात वर्ष की उम्र में ही नुकीली कीलों पर योग का बनाया रिकॉर्ड
उम्र महज 15 साल पर 151 प्रकार के योगासनों व 21 प्रकार के प्राणायाम में पूरी तरह दक्ष। मिलिए 15 साल की नन्ही योग गुरू श्रेया से।
151 प्रकार के योगासनों व 21 प्रकार के प्राणायाम में दक्ष
उम्र महज 15 साल पर 151 प्रकार के योगासनों व 21 प्रकार के प्राणायाम में पूरी तरह दक्ष। सात वर्ष की उम्र में ही नुकीली कीलों पर योग (हठयोग) करने का रिकार्ड। जी हां बात हो रही है खगड़िया शहर के लोहापट्टी शिवालय रोड की रहने वाली नन्ही योग गुरू श्रेया कश्यप की।
श्रद्धा व महेन्द्र त्यागी की लाडली श्रेया अब तक दर्जनों राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीत कर सूबे का मान बढ़ा चुकी है। फरकिया की इस होनहार बेटी ने बिहार के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के काठमांडू, सिक्किम, पोर्टब्लेयर में भी सम्मानित हो चुकी हैं।
दिल्ली में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, जयपुर में एम्बेसी लिट्ल स्टार अवार्ड, पटना में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से नवाजी जा चुकी है। सीएम नीतीश कुमार, राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, योगगुरू रामदेव आदि दिग्गज भी श्रेया की मुरीदें हैं। पलक झपकते ही योगासन, प्राणायाम व हठयोग करने में माहिर श्रेया प्रशिक्षित जिमनास्ट की तरह अपनी शरीर को चहुंमुखी दिशाओं में घुमा देती है।
दो वर्ष के खेलने कूदने की उम्र में ही श्रेया हठयोग सीख चुकी थी
21 सितंबर 2002 को जन्मी श्रेया अपने दादा जी स्व. गुरू शांति प्रकाश व्यायामाचार्य को आदर्श मानती है। श्रेया कहती हैं- जो योग करेगा, आखिर में वही मौज करेगा। योगासन व प्राणायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है, निरोग रहता है। इससे मन भी प्रसन्न रहता है।
श्रेया कहती हैं- स्वस्थ मनुष्य ही समाज का, देश का ओर विश्व का सेवा कर सकता है। जो स्वस्थ नहीं वह अपने आप पर बोझ है। योगासन शरीर व मन को स्वस्थ व शक्तिशाली बनाता है। हर दुख को सहने की शक्ति प्रदान करता है। मानसिक स्थिरता लाता है।
श्रेया के पिता महेन्द्र त्यागी कहते हैं कि दो वर्ष की उम्र में ही श्रेया सुर्खियों में आ गई थी। श्रेया के पिता होने का जितना मुझे गर्व है उससे कहीं अधिक देशवासियों को है। श्रेया की मां श्रद्धा त्यागी कहती हैं कि दो वर्ष के खेलने कूदने की उम्र में ही श्रेया हठयोग सीख चुकी थी। श्रेया की इच्छा योग को विश्व का दर्जा दिलाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने की भी है।