रंगदारों को बचाने पर इंस्पेक्टर को डीआईजी ने फटकारा
भागलपुर सह मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी विकास वैभव ने रंगदारी मामले के मुख्य आरोपी राजेश कुमार सिंह को निर्दोष साबित करने पर खगड़िया के सदर इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार को कड़ी फटकार लगाई है और एसपी को...
भागलपुर सह मुंगेर प्रक्षेत्र के डीआईजी विकास वैभव ने रंगदारी मामले के मुख्य आरोपी राजेश कुमार सिंह को निर्दोष साबित करने पर खगड़िया के सदर इंस्पेक्टर रवींद्र कुमार को कड़ी फटकार लगाई है और एसपी को स्वयं पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। गुरुवार को डीआईजी ने खगड़िया डीएसपी रामानंद सागर को बुलाकर अलौली थाना कांड संख्या 141/017 की समीक्षा की। खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड के सिसवा रामपुर में बांध नियंत्रण का काम कर रहे सासाराम की कंपनी होलीहॉक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लि. को मिला है। आरोप है कि राजेश कुमार सिंह, अंजनी कुमार और अश्विनी कुमार ने रंगदारी की मांग को लेकर कंपनी के ठेकेदार के साथ मारपीट की थी। इस मामले में 15 मई, 017 को सासाराम जिले के नोखा थाने के हथिनी गांव के राजीव कुमार सिंह के बयान पर अलौली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी लेकिन सुरक्षा नहीं मिलने पर कंपनी ने काम बंद दिया। आरोप है कि ऊंची पहुंच के बल पर आरोपी ने रंगदारी जैसे गंभीर मामले के मुकदमे को एनएसआर (नॉन सिरियस रिपोर्ट) हेड में इंट्री करा दिया। सदर इंस्पेक्टर को जांच की जिम्मेदारी दी गई। इंस्पेक्टर ने बिना वादी के बयान लिए मुख्य आरोपी को केस से दोषमुक्त करते हुए दो अन्य आरोपी को भी आरोप से मुक्त कर दिया। डीआईजी को ठेकेदार ने बताया कि 8 सितंबर को जब कंपनी के लोग काम करने पहुंचे तो आरोपियों ने मुकदमा उठाने की धमकी देकर काम बंद करा दिया। कंपनी के ठेकेदार ने पहले आईजी से उसके बाद डीआईजी से मिलकर शिकायत की। ठेकेदार का कहना था कि पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने की वजह से आरोपियों ने काम को बंद करा दिया है। इंस्पेक्टर ने कानून सम्मत काम नहीं किया : डीआईजी डीआईजी ने इसकी स्वयं समीक्षा की तो पाया कि इंस्पेक्टर ने कानून सम्मत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसरों के कारनामे से क्यों नहीं अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने खगड़िया एसपी से पूछा कि रंगदारी का केस कैसे एनएसआर हो गया। डीआईजी ने माना कि इंस्पेक्टर ने गलत सुपरविजन रिपोर्ट जारी कर दी है। डीएसपी को तीन दिनों के अंदर नया सुपरविजन रिपोर्ट जारी करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही एसपी को निर्देश दिया कि काम के दौरान ठेकेदार को किसी प्रकार की परेशानी न हो। रंगदारी की जांच अब इंस्पेक्टर नहीं डीएसपी करेंगे भागलपुर। डीआईजी विकास वैभव ने भागलपुर और मुंगेर प्रक्षेत्र के एसपी को पत्र लिखकर कहा कि गंभीर मामले कि जांच इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी नहीं करेंगे। मुंगेर प्रक्षेत्र के जिलों से इस तरह की ज्यादा शिकायतें मिल रही थी। डीआईजी ने शुक्रवार को विभागीय पत्र जारी कर कहा है कि धारा 384, 385, 386, 387, 420, 406 व 468 के तहत दर्ज होने वाले कांड का सुपरविजन डीएसपी स्तर के पदाधिकारी करेंगे। इन धारा के केसों को एसआर की श्रेणी में इंट्री किया जाएगा। विकास योजनाओं का काम करने वाली ठेका कंपनियों से रंगदारी मांगना या रंगदारी के लिए डराना धमकाना गंभीर मामला है। ऐसे मामले की शिकायत मिलने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और पुलिस अगर मामले को दबाएगी तो निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकती है।