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महीनों से चल रही जांच एक भी रिपोर्ट नहीं मिली

झारखंड विधानसभा की विशेष कमेटियों के गठन के औचित्य पर ही सवाल खड़ा हो गया है। विधानसभा की ओर से पिछले एक साल के अंदर कई विशेष कमेटियों का गठन किया गया। सभी महत्वपूर्ण मामलों से जुड़ी कमेटियां बनायी...

 महीनों से चल रही जांच एक भी रिपोर्ट नहीं मिली
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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झारखंड विधानसभा की विशेष कमेटियों के गठन के औचित्य पर ही सवाल खड़ा हो गया है। विधानसभा की ओर से पिछले एक साल के अंदर कई विशेष कमेटियों का गठन किया गया। सभी महत्वपूर्ण मामलों से जुड़ी कमेटियां बनायी गयीं, लेकिन किसी भी एक कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट स्पीकर को नहीं सौंपी है। इस संबंध में स्पीकर आलमगीर आलम का कहना है कि किसी कमेटी की रिपोर्ट तो नहीं मिली, कई कमेटियों के सभापतियों ने कमेटी का कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह जरूर किया है।ड्ढr पिछले एक साल के अंदर कम से कम तीन एसी महत्वपूर्ण विशेष कमेटियों का गठन हुआ, जिनकी रिपोर्ट मायने रखती हैं। दो साल पहले चार भाजपा विधायकों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा था। इसकी जांच के लिए राजद विधायक गिरिनाथ सिंह के संयोजकत्व में एक कमेटी बनी। कुछ सदस्य भी बाद में बदले गये। कमेटी की कम से कम आधा दर्जन बैठकें हुईं। लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं मिली। यही हाल सहायक नियुक्ित से जुड़े मामले की सीडी जांच रिपोर्ट की है। इस विशेष कमेटी के संयोजक जदयू विधायक राधाकृष्ण किशोर हैं। इस कमेटी की भी कई बैठकें हुईं। परिणाम अब तक सामने नहीं आया। हाट-गम्हरिया सड़क जांच कमेटी भी इसी गति से चल रही है। बस जांच हो रही है। कब तक होगी, यह कमेटी के संयोजक सरयू राय ही बता पायेंगे। किसी मामले की जांच के लिए माननीयों द्वारा सदन के अंदर और बाहर खूब हंगामा होता है। हंगामे के दौरान इस बात का दबाव बनाया जाता है कि जल्द से जल्द विशेष कमेटी का गठन हो जाये। विशेष कमेटी के गठन होते ही हंगामा भी खत्म हो जाता है। फिर शुरू हो जाती है मामले की लीपापोती।

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