बांका शहर के अधिकांश लोग पी रहे हैं आयरनयुक्त पानी
बांका जिले में घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना बांका में फिलहाल सरजमी पर सफल होती नहीं दिखाई दे रही है। अबतक मात्र 30 फीसदी तक योजना का काम ही पूरा हुआ है। सरकार के सात निश्चय में शामिल इस योजना...
बांका जिले में घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना बांका में फिलहाल सरजमी पर सफल होती नहीं दिखाई दे रही है। अबतक मात्र 30 फीसदी तक योजना का काम ही पूरा हुआ है। सरकार के सात निश्चय में शामिल इस योजना को बांका नगर पंचायत में अमलीजामा पहनाने की तैयारी पूरी होती नहीं दिखाई दे रही है। इससे नगरवासी वर्षों से मीठे जहर के रूप में फ्लोराइड व आयरनयुक्त अशुद्ध जल पीने को विवश हैं। शुद्ध पेयजल आपू्त्तित के नाम पर लाखों खर्च कर शहरी जलापू्त्तित योजना के अंतर्गत पाइप बिछाने, निर्मित व अर्द्धनिर्मित पानी टंकी सहित अधूरे कार्यों को पूरा करने में सरकारी स्तर पर बरती जा रही उदासीनता स्पष्ट झलक रही है। वर्तमान पार्षद व पूर्व पार्षद व नगरवासियों की माने तो नगर के 22 वार्डों में जलापू्त्तित योजना के लिए पाइप तक नहीं बिछाया जा सकी है। लगभग 8 हजार घरों के सर्वे का काम पूरा करके छोड़ दिया गया है। शहरी क्षेत्र की 46 हजार से अधिक अबादी को नल का जल कब मिलेगा इसपर नगर प्रशासन और पीएचईडी चुप्पी साधे हुए है। पीएचईडी कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि नगर में हर घर नल आपू्त्तित के लिए नगर को ही राशि आवंटित होना है। उन्हीं के देखरेख में कार्य होना हे। इसमें पीएचईडी विभाग का कोई योगदान नहीं होगा। उधर, नगर कार्यपालक पदाधिकारी बीके तरुण का कहना है कि शहरी क्षेत्र में हर घर नल जल योजना के तहत जलापू्त्तित के प्रथम फेज में दो करोड़ का आवंटन प्राप्त हुआ है। हालांकि कार्य अभी प्रारंभ नहीं हो पाया है। वार्ड में आवादी के अनुसार कार्य होगा।