नागपंचमी: कालसर्प दोष से ग्रस्त लोग करें सर्पों की पूजा,मिलेंगे ये लाभ
नाग पंचमी का दिन भगवान शिव और गण नागों की पूजा का दिन माना जाता है।
कालसर्प दोष से ग्रस्त लोग करें सर्पों की पूजा
नाग पंचमी का दिन भगवान शिव और गण नागों की पूजा का दिन माना जाता है। वेदों में इस दिन का बड़ा महत्व है, बताया जाता है कि नाग पंचमी के दिन से भगवान आशुतोष का रुद्राभिषेक करने से कई संकट कट जाते हैं। इस दिन कालसर्प दोष से ग्रस्त लोगों के लिए उपाय करना उत्तम माना गया है। पंडित राजीव शर्मा ने बताया कि नाग पंचमी पर मुख्यत नागों और सर्पों की पूजा की जाती है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि में यह पर्व पूरे देश में पूर्ण श्रद्धा से मनाया जाता है। वर्ष 2017 में 27 जुलाई गुरुवार के दिन नाग पंचमी मनाई जाएगी।
इस पर्व को मनाने के पीछे रोचक तथ्य यह है कि श्रावण मास में बरसात होने के कारण अक्सर सर्प अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं और दूसरा अस्थायी बसेरा ढूंढते हैं। ये कहीं मनुष्यों को हानि न पहुंचाएं, इसलिए नागपंचमी पर इनकी पूजा की जाती है और इन्हें दूध भी पिलाया जाता है।
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नाम पंचमी की कहानी
नाम पंचमी की कहानी
मान्यता है कि भगवान कृष्णा ने इसी दिन गोकुल -वासियों को कालिया नामक नाग के आतंक से बचाया था। कथा के अनुसार, एक दिन बाल-कृष्ण अपने मित्रों के साथ यमुना तट पर खेल रहे थे। तभी उनकी गेंद नदी में जा गिरी। गेंद बाहर निकालने के प्रयास में कृष्ण नदी में जा गिरे। उसी समय कालिया ने उनपर आक्रमण कर दिया। किन्तु इस बात से अंजान कि श्री कृष्ण साधारण बालक नहीं है, कालिया ने उनसे क्षमा याचना मांगी। कृष्ण ने कालिया से पहले यह प्रतिज्ञा ली कि वह कभी भी गाँव वालों को परेशान नहीं करेगा, तत्पश्चात उन्होंने कालिया को छोड़दिया। प्रचंड नाग कालिया पर कृष्णा की विजय के बाद इस दिन को नाग पंचमी के रूप में श्रद्धा भक्ति से मनाया जाता है।
ऐसे करें पूजा
नाग पंचमी के अवसर पर श्रद्धालु भूमि की खुदाई नहीं करते और इस दिन नागदेवता की तस्वीर या मिट्टी से बनी उनकी प्रतिमा के सामने दूध, धान, खील और दूब घास का चढ़ावा करते है और नागदेवता की पूजा करते हैं। यह भी मान्यता है कि प्रभु शिव नागों और सर्पों को स्नेह करते है, और सर्पों और नागों की पूजा-अर्चना करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।
नाग पंचमी तिथी : 27 जुलाई 2017
पूजा मुहूर्त : प्रात: 07:01 से 8:25 बजे तक
पंचमी तिथि प्रारंभ : प्रातः 07:01 बजे से (2017)
पंचमी तिथि समाप्ति : प्रातः 06:38 बजे तक (28/7)