सफलता के लिए बार-बार कोशिश करते हैं ऐसे लोग
हस्तरेखा में मंगल पर्वत के दो स्थान होते हैं। इससे समझा जा सकता है कि मंगल कितना शक्तिशाली और प्रमुख पर्वत है। मंगल पर्वत को हथेली में दो स्थानों पर माना जाता है-एक ऊपर और दूसरा नीचे। एक उच्च का...
हस्तरेखा में मंगल पर्वत के दो स्थान होते हैं। इससे समझा जा सकता है कि मंगल कितना शक्तिशाली और प्रमुख पर्वत है। मंगल पर्वत को हथेली में दो स्थानों पर माना जाता है-एक ऊपर और दूसरा नीचे। एक उच्च का पर्वत होता है और दूसरा नीच का होता है। उच्च मंगल पर्वत हृदय रेखा जहां से शुरू होती उसके ऊपर स्थित होता है जबकि नीच का मंगल जहां से जीवन रेखा शुरू होती है वहां से कुछ ऊपर होता है। ऊपर के मंगल का ज्यादा उन्नत और उभरा होना व्यक्ति में आक्रामकता एवं साहस को बढ़ावा देता है क्योंकि वह सेनापति है, ऐसे जातक स्वभाव से जुझारू होते हैं तथा विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत से काम लेते हैं तथा सफलता प्राप्त करने के लिए बार-बार प्रयत्न करते रहते हैं और अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं तथा मुश्किलों के कारण आसानी से विचलित नहीं होते। इस स्थान पर किसी वृत्त, दाग या तिल का होना इसे और ज्यादा पुष्ट करता है।
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)