सक्सेस मंत्र: अगर जीवन में होना है सफल तो अपनाएं सहिष्णुता का गुण
गुजरात के पारडी नामक गांव में महात्मा सरयूदास का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम भोगीलाल था। सरयूदास जी की शिक्षा-दीक्षा बहुत कम थी। वे अपने मामा के ही घर पर रहकर उनके व्यापार का काम देखते थे और...
गुजरात के पारडी नामक गांव में महात्मा सरयूदास का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम भोगीलाल था। सरयूदास जी की शिक्षा-दीक्षा बहुत कम थी। वे अपने मामा के ही घर पर रहकर उनके व्यापार का काम देखते थे और संभालते थे।
इसी दौरान वे एक बार ट्रेन से कहीं जा रहे थे। त्योहार का सीजन होने की वजह से ट्रेन में काफी भीड़ थी और कहीं भी पैर रखने की जगह तक नहीं थी। वे एक सीट पर बैठे हुए थे और उन्हीं के नजदीक में एक आदमी बैठा हुआ था।
उस आदमी का पैर बार बार संत सरयूदास पर पड़ रहा था। वह काफी देरतक ऐसा ही देखते रहे और फिर बोले कि लगता है तुम्हरा पैर दर्द हो रहा है। तुम अपने पैर को मेरी गोद में रख लो ताकि मैं तुम्हारा पैर दबा सकूं। इतना कहते ही संत सरयूदास ने उसका पैर अपनी गोद में रखकर सहलाना शुरू कर दिया। यह पूरा किस्सा आसपास के लोग देख रहे थे।
संत को देखकर आदमी शर्मिंदा हो गया और फौरन अपने पैर वापस खींच लिए। उसने तुरंत संत सरयूदास जी से माफी मांगी।
संक्षेप में:
जीवन में अगर जब तक आपमें सहनशीलता नहीं है तब तक आप ज्यादा आगे तक नहीं जा सकते हैं। सहनशीलता ही लोगों को सफल बनाती है।
सोशल मीडिया से