सक्सेस मंत्र: कल पर न टालें, समय पर करें अपना काम
महात्मा गांधी जब साबरमती के आश्रम में रहते थे तो हमेशा की तरह अपने सभी काम समय पर ही किया करते थे। वे अपने आसपास वाले लोगों को हमेशा समय का महत्व बताया करते थे। इसके साथ ही सभी काम समय पर करने...
महात्मा गांधी जब साबरमती के आश्रम में रहते थे तो हमेशा की तरह अपने सभी काम समय पर ही किया करते थे। वे अपने आसपास वाले लोगों को हमेशा समय का महत्व बताया करते थे। इसके साथ ही सभी काम समय पर करने के लिए कहते थे। उस आश्रम में भोजन करने के लिए दो बार घंटी बजाई जाती थी।
इसी दौरान वहां पहुंचकर भोजन करना जरूरी था। जो लोग दूसरी घंटी बजने पर भी नहीं पहुंच पाते थे, उन्हें भोजन के लिए फिर इंतजार करना होता था। एक दिन की बात है दो घंटी बजने के बाद भी गांधीजी खाना खाने नहीं पहुंच पाए। इसका कारण था कि वो अपना काम कर रहे थे और अपने कार्य में इतने व्यस्त थे कि उन्हें पता ही नहीं चला की खाने की घंटी कब बजाई गई।
गांधीजी कुछ देर बाद आए तो सभी ने खाना शुरू कर दिया था। इस वजह से उन्हें दसरी लाइन में काफी देर तक बैठना पड़ा और इसके बाद उन्हें भोजन मिल सका। इससे वो बिल्कुल भी परेशान नहीं हुए। उन्हें सहज देखकर पास में खड़े एक शख्स ने कहा कि आप लाइन में खड़े हैं।
शख्स ने कहा, 'बापू जी आप तो आश्रम के मुख्य हैं और आप ही लाइन में लगे हुए हैं। वो भी बिना परेशान हुए।' इस सवाल पर गांधी जी ने उत्तर दिया कि सभी के लिए नियम बनाए गए होते हैं। और फिर ये नियम तो सभी के लिए बराबर ही हैं।