अनहोनी से पूर्व रंग बदल लेता है माणिक, जानें इसे पहनने के फायदे
माणिक एक ऐसा रत्न है जिसे मनुष्य के जीवन में बेहद मूल्यवान माना गया है। इसे रत्नों का राजा
अनहोनी से पूर्व रंग बदल लेता है माणिक
माणिक एक ऐसा रत्न है जिसे मनुष्य के जीवन में बेहद मूल्यवान माना गया है। इसे रत्नों का राजा भी कहा जाता है, कहा जाता है कि माणिक की दलाली में हीरे मिलते हैं। माणिक को चुन्नी और लाल भी कहा जाता है, जबकि अंग्रेजी में इसे रूबी कहते हैं। वैसे तो माणिक हर जगह मिलता है लेकिन म्यंमार (बरमा) का माणिक सबसे अच्छा माना जात है।
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ऐसे करें धारण
ऐसे करें धारण
माणिक को शुक्ल पक्ष के किसी भी रविवार को सूर्य के मंत्रों के साथ सुबह 9.15 से 11 बजे के बीच धारण करना उत्तम माना गया है। इसे कहीं बाहर शुद्ध कराने की जरूरत नहीं होती। इसे घर में ही शुद्ध कर सकते हैं और इसका पूर्ण लाभ ले सकते हैं। इसे स्वर्ण या तांबे की अंगूठी में पहना जा सकता है।
इसके साथ मोती, पुखराज, मूंगा रत्न धारण किया सकते हैं। सिंह राशि के जातकों के लिए रत्न लाभकारी होत है। अगर माणिक खरीदने की स्थिति न हो तो इसके स्थान पर रेड गारनेट भी पहना जा सकता है।
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हृदय संबंधी रोगों की पीड़ा शांत होती है
लाभदायक
वैदिक ज्यातिष के अनुसार इस रत्न पर सूर्य का स्वामित्व है या कहें कि इसे धारण करने से सूर्य की पीड़ा को शांत किया जा सकता है। इसके अलावा स्वास्थ्य के लिए भी माणिक काफी लाभदायक माना जाता है। माणिक पहनने से नेत्ररोग, सिरदर्द, हृदय संबंधी रोगों की पीड़ा शांत होती है। इतना ही नहीं यह विष के प्रभाव को भी कम करता है, बदनामी से बचाता है और वैवाहिक जीवन में मजबूती लाने में भी उत्तम रत्न माना गया है। राजनेताओं के लिए यह रत्न लाभदायक है।
पहले ही कर देता है इशारा
माणिक यूं तो कई बातों में बेहतरीन रत्न है लेकिन इसकी सबसे ज्यादा अच्छी बाता यह बताई जाती है कि यदि कोई अनहोनी घटने वाली होती है पहले ही इसका रंग बदलने लगता है। हालांकि यह इसे महसूस करने की समझ होने की भी खास जरूरत है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।