शुभ काम करने हैं तो इस तारीख से पहले कर लें, लगने वाले हैं पंचक
कहा जाता है कि पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है। चंद्रमा जब कुम्भ और मीन राशि में यानी आखिरी के पांच नक्षत्र- धनिष्ठा का उत्तरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद
मई में इस तारीख से लग रहा है पंचक
कहा जाता है कि पंचक चन्द्रमा की स्थिति पर आधारित गणना है। चंद्रमा जब कुम्भ और मीन राशि में यानी आखिरी के पांच नक्षत्र- धनिष्ठा का उत्तरार्ध, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती में हो तब इसे पंचक कहा जाता है, इस दौरान चंद्रमा पांच नक्षत्रों में से गुजरता है।
मई के महीने में पंचक 18 मई से 10 बजकर 13 मिनट पर शुरू हो रहे हैं। और 23 मई सुबह 8 बजकर 25 मिनट तक चलेंगे। ज्योतिषशास्त्र में कुछ नक्षत्रों में शुभ काम करने की मनाही है। इन नक्षत्रों की वजह से इनमें किया गया शुभ काम लाभ नहीं देता है।
इन पंचकों को पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है।
जानें कौन से पंचक होते हैं घातक
सोमवार से शुरू हुआ पंचक राज पंचक कहलाता है, यह पंचक शुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सरकारी कार्यों में सफलता हासिल होती है और बिना किसी बाधा के संपत्ति से जुड़े मसलों सुलझ जाते है।
मंगलवार से शुरू हुए पंचक के दौरान आग लगने का भय रहता है। इस दौरान औजारों की खरीददारी, निर्माण या मशीनरी का कार्य नहीं करना चाहिए।
शनिवार से शुरू हुआ पंचक सबसे ज्यादा घातक होता है। इसे मृत्यु पंचक कहा जाता है। अगर इस दिन किसी कार्य की शुरुआत करने से व्यक्ति को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान कोई भी जोखिम भरा कार्य नहीं करना चाहिए। इस दौरान व्यक्ति की मौत तक हो सकती है।
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इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।